पैंथर मोबाइल की गश्ती पर उठ रहे सवाल

5 फरवरी 2015 को उम्मीद के साथ समाहरणालय से निकाला गया था पैंथर मोबाइल स्वतंत्र पत्रकार अजय विद्रोही की हत्या ने खोली पोल नगर के बसूश्री सिनेमा के पास नहीं था पुलिस का कोई जवान बसूश्री सिनेमा रोड में अवैध शराब, भांग, गांजा व चरस की खुलेआम बिक्री सीतामढ़ी : नगर व डुमरा की सुरक्षा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2015 3:24 AM

5 फरवरी 2015 को उम्मीद के साथ समाहरणालय से निकाला गया था पैंथर मोबाइल

स्वतंत्र पत्रकार अजय विद्रोही की हत्या ने खोली पोल

नगर के बसूश्री सिनेमा के पास नहीं था पुलिस का कोई जवान

बसूश्री सिनेमा रोड में अवैध शराब, भांग, गांजा व चरस की खुलेआम बिक्री

सीतामढ़ी : नगर व डुमरा की सुरक्षा को लेकर जिस पैंथर मोबाइल का गठन किया गया है, उसकी गश्ती टीम की गतिविधियों पर अब सवाल उठने लगे हैं.

नगर के बसूश्री सिनेमा चौक से कुछ दूर सिटीजन फोरम के महासचिव व स्वतंत्र पत्रकार अजय विद्रोही की हत्या ने पुलिस की इस व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है.

मंगलवार की रात अपराधियों ने पुलिस की इस क्राइम कंट्रोल इंतजाम का भरपूर फायदा उठाया. स्थानीय लोगों की माने तो शहर के सबसे संवेदनशील बसूश्री चौक के आसपास पुलिस का कोई जवान तैनात नहीं था.

आम तौर पर रात 10 बजे तक शहर में गश्त लगाने वाली नगर थाने की पुलिस गश्ती टीम भी कहीं नहीं थी. अवैध शराब, गांजा, चरस व भांग की खुलेआम बिक्री के लिए बदनाम शहर के इस प्रमुख चौराहों पर शाम ढ़लने के साथ हीं अपराधियों एवं असामाजिक तत्वों की अड्डेबाजी शुरू हो जाती है.

विभिन्न मौकों पर पुलिस टीम विशेष अभियान के दौरान एक से दो बार वहां फटकती जरूर है, लेकिन बाद के दिनों में सब कुछ पहले जैसा बन जाता है. पदस्थापन के बाद पुलिस के वरीय पदाधिकारी शहर का चक्कर लगा कर विधि-व्यवस्था की स्थिति को टटोलते हैं, लेकिन फिर वापस उसी पटरी पर लौट आते हैं. इससे अपराधियों एवं असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ा रहता है.

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