पत्रकार की हत्या के विरोध में बंद रहा बाजार

सीतामढ़ी : स्वतंत्र पत्रकार अजय विद्रोही की हत्या के बाद नगर थाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए बुधवार की सुबह शहर के लोग सड़क पर उतर गये. विभिन्न चौक-चौराहों पर बांस-बल्ला व टायर जला कर जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोग आक्रोश प्रकट कर रहे थे. सभी वर्ग के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2015 3:28 AM

सीतामढ़ी : स्वतंत्र पत्रकार अजय विद्रोही की हत्या के बाद नगर थाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए बुधवार की सुबह शहर के लोग सड़क पर उतर गये.

विभिन्न चौक-चौराहों पर बांस-बल्ला व टायर जला कर जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोग आक्रोश प्रकट कर रहे थे. सभी वर्ग के बीच लोकप्रिय रहे अजय विद्रोही की मौत से मर्माहत
होकर शहर के दुकानदारों ने अपनी दुकान को बंद कर अपना दु:ख प्रकट किया.
इधर, घटना की रात लोगों के आक्रोश को देखते हुए एसपी हरि प्रसाद एस ने शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर अर्धसैनिक बल को तैनात कर दिया था. जो विभिन्न मार्गों पर फ्लैग मार्च भी कर रहे थे. विरोध-प्रदर्शन के बीच निवर्तमान विधायक सुनील कुमार पिंटु व पूर्व विधायक नगीना देवी भी जुलूस का नेतृत्व करते हुए पैदल मार्च की.
घटना से मर्माहत शहरवासी नगर थाना पुलिस पर कार्रवाई करने, हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार करने व पीड़ित परिवार को समुचित रूप से सरकारी योजना का लाभ देने की मांग कर रहे थे. इधर, प्रेस क्लब में लिये गये निर्णय के आलोक में पत्रकारों ने काला बिल्ला लगा कर काम करने के साथ-साथ डीएम राजीव रौशन के कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण तरीके से धरना पर बैठ कर घटना का विरोध किया.
खामोशी में खो गयी अजय की श्रद्धांजलि
सीतामढ़ी. स्वतंत्र पत्रकार अजय विद्रोही के निधन पर गांव विकास मंच के संस्थापक नागेंद्र सिंह ने गहरी संवेदना प्रकट की है.
उन्होंने कहा है कि बीती रात अपराधियों ने गोली मार कर विद्रोही को सदा के लिए खामोश कर दिया. सीतामढ़ी जैसे शांत जिला के लिए अब यह आम बात हो चुकी है. बहुतेरे लोगों को यहां शांत कर दिया गया. दो-चार दिन हो हल्ला मचने के बाद फिर सब कुछ शांत हो जायेगा. अजय बेबाक बोलते और लिखते थे.
संभव है अखबारों का दौर चलेगा और बयानबाजी का दौर भी चलेगा. कुछ दिनों तक पुलिस की चहलकदमी दिखेगी. फिर सब कुछ शांत हो जायेगा. लोग अच्छे और ईमानदार प्रतिनिधि को चुनने में व्यस्त हो जायेंगे. वैसे भी आदर्श आचार संहिता का बड़ा शोर है.
प्रशासन भी सतर्क है. श्री सिंह ने मार्मिक होकर कहा है कि चिर शांति में खो गयी अजय भाई की खामोश श्रद्धांजलि.

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