सरकार बदली, पर निगम की व्यवस्था नहीं

सरकार बदली, पर निगम की व्यवस्था नहीं फोटो नंबर- 13 बस स्टैंड में लगी गंदगी व खराब चापाकल, 14 यह प्रतीक्षालय है न कि भैंस का तबेला, 15 परिवहन निगम का कार्यालय सीतामढ़ी. बिहार राज्य परिवहन निगम के स्थानीय कार्यालय व व्यवस्था एक मजाक बनकर रह गया है. सरकार दर सरकार बदलती गयी, पर इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2015 6:56 PM

सरकार बदली, पर निगम की व्यवस्था नहीं फोटो नंबर- 13 बस स्टैंड में लगी गंदगी व खराब चापाकल, 14 यह प्रतीक्षालय है न कि भैंस का तबेला, 15 परिवहन निगम का कार्यालय सीतामढ़ी. बिहार राज्य परिवहन निगम के स्थानीय कार्यालय व व्यवस्था एक मजाक बनकर रह गया है. सरकार दर सरकार बदलती गयी, पर इस विभाग में कोई सुधार होने के बजाय व्यवस्था और बदतर होती चली गयी. शायद इस ओर सरकार का कोई ध्यान हीं नहीं है. सरकार ने परिवहन विभाग को मानो मजाक बना दिया है. अब नहीं चलती सैकड़ों बसे निगम के सीतामढ़ी स्थित डिपो से कभी सैकड़ों बसे चलती थी. अब मुश्किल से 50 बसे चल रही है. एक तरह से निगम का कोई खास महत्व नहीं रह गया है. वर्षों पूर्व यहां से मोतिहारी, बेतिया, रक्सौल, दरभंगा, मधुबनी, पटना, सोनपुर व हाजीपुर समेत अन्य स्थानों के लिए बसे खुलती थी. अब वह बात नहीं है. सरकार ने प्राइवेट बसों को निगम के तहत चलाना शुरू किया, मगर इस ओर ध्यान नहीं दिये जाने के कारण यह प्रयोग विफल रहा. नहीं मिलता नियमित वेतन स्थानीय सरकारी बस स्टैंड में कार्यरत कर्मी बैद्यनाथ राय ने बताया कि कर्मियों को नियमित वेतन नहीं मिल पाता है. कर्मियों के बैठने तक की ठोस व्यवस्था नहीं है. इधर, प्रतीक्षालय की हालत भी खस्ता है. उसका शेड ध्वस्त हो चुका है. हल्की बारिश में भी प्रतीक्षालय नरक बन जाता है. वैसे नरक जैसा हाल बराबर बना रहता है. यह कि गंदगी लगी रहती है. कभी-कभी साफ-सफाई करायी जाती है. शाम में उचक्कों से परेशानी बताया गया है कि बस स्टैंड में शाम होते ही यात्री तो नजर नहीं आते हैं, लेकिन उचक्के जरूर दिख जाते हैं. पुलिस को इसकी खबर रहने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाती है.

Next Article

Exit mobile version