छठ व्रत में होता है नये फसलों का उपयोग

छठ व्रत में होता है नये फसलों का उपयोग पुपरी. छठ व्रत को खेती से जुड़ा हुआ पर्व माना जाता है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार छठ में नयी फसलों का प्रयोग अधिक होता है, इसलिए इसे नावन्य का पर्व भी कहा जाता है. नहाय खाय से लेकर अर्घ देने तक में नयी फसलों का प्रसाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2015 8:45 PM

छठ व्रत में होता है नये फसलों का उपयोग पुपरी. छठ व्रत को खेती से जुड़ा हुआ पर्व माना जाता है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार छठ में नयी फसलों का प्रयोग अधिक होता है, इसलिए इसे नावन्य का पर्व भी कहा जाता है. नहाय खाय से लेकर अर्घ देने तक में नयी फसलों का प्रसाद बनता है. खरना मे प्रसाद के रूप मे जो खीर और रोटी बनती है उनमें गम्हरी का चावल, ईख से बना गुड और गेहूं की नयी फसल का इस्तेमाल की जाती है. इसके पीछे यह धारणा है कि जो फसल सीधे खेत से निकल कर आती है. पूजा के लिए शुद्ध होता है. तीसरे दिन यानी अर्घ के दिन भी जो फल पकवान ठेकुआ और भुसवा का इस्तेमाल किया जाता है, उनमें भी नयी फसलों का प्रयोग होता है. जैसे चावल, गेहूं गुड़, ईख, पानी फज सिंघाडा, हल्दी, सुथनी और केला. कृषि वैज्ञानिक मनोहर पंजिकार व सवितानन्द प्रसाद, ने बताया कि अब छठ व्रतियों को कई नयी फसल नहीं मिल पाती है. इसलिए छठ व्रती विगत साल के ही फसलों का उपयोग करते है.

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