पढ़ाई खटाई में, छह विषयों के शक्षिक नहीं

पढ़ाई खटाई में, छह विषयों के शिक्षक नहींफोटो नंबर- 10 व 11 हाई स्कूल का खस्ता हाल भवन — नियमित 22 में से मात्र पांच शिक्षक कार्यरत पुपरी . अनुमंडल मुख्यालय स्थित एलएम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पठन -पाठन की खानापूर्ति चल रही है. कभी यह हाई स्कूल अनुमंडल ही नहीं, बल्कि जिला में बेहतर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2015 6:52 PM

पढ़ाई खटाई में, छह विषयों के शिक्षक नहींफोटो नंबर- 10 व 11 हाई स्कूल का खस्ता हाल भवन — नियमित 22 में से मात्र पांच शिक्षक कार्यरत पुपरी . अनुमंडल मुख्यालय स्थित एलएम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पठन -पाठन की खानापूर्ति चल रही है. कभी यह हाई स्कूल अनुमंडल ही नहीं, बल्कि जिला में बेहतर शिक्षण व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध था. अब यह स्कूल अपनी गरिमा को बचाये रखने के लिए जूझ रहा है. सरकार व विभाग की बेरूखी के चलते स्कूल प्रबंधन के साथ-साथ बच्चों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां के बच्चों का कोर्स कैसे पूरा होता होगा जब छह विषयों के शिक्षक ही नहीं है. — विद्यार्थी 2393, शिक्षक 22 उक्त हाई स्कूल में विद्यार्थी की संख्या 2393 है. नियमित शिक्षक का 22 पद है. फिलहाल प्रधान समेत पांच नियमित शिक्षक कार्यरत हैं. नियोजित शिक्षक का 17 पद स्वीकृत है और सभी पदों पर शिक्षक बहाल हैं. यह दुर्भाग्य की बात है कि इन 17 शिक्षकों में भी उन छह विषयों के शिक्षक नहीं हैं, जिनकी कमी से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. बताया गया है कि अंग्रेजी, हिंदी, जीव विज्ञान, रसायन शास्त्र, भौतिकी व वाणिज्य के शिक्षक नहीं हैं. — किस कक्षा में कितने बच्चे कक्षा नौ में 949 तो कक्षा 10 में 826 बच्चे हैं. 11 वीं 12 वीं के तीनों संकायों में 720 बच्चे हैं. इनके बैठने के लिए मात्र छह कमरा उपलब्ध है जो जर्जर हो चुका है. कमरे की छत से प्लास्टर गिर रहा है. जानकारों का कहना है कि समय रहते कमरों की मरम्मत नहीं करायी गयी तो कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है. दो कमरा ठीक-ठाक स्थिति में हैं, जिसमें एक कमरा में प्रधान शिक्षिका तो दूसरे में शिक्षक बैठते हैं. — भवन मद की राशि वापस बताया गया है कि स्कूल के भवन निर्माण के लिए 1.29 करोड़ राशि आयी थी. भवन नहीं बना और राशि लौट गयी. डेस्क-बेंच की काफी कमी है. बहुत से डेस्क-बेंच टूट चुके है. उसे इधर-उधर फेंक दिया गया हुआ है. यही सब कारण है कि नामांकित छात्रों की तुलना में काफी कम छात्र स्कूल आते हैं. जांच परीक्षा के नाम पर खानापूर्ति कर ली जाती है. प्रभात खबर के पास एक तसवीर है, जिसमें यह देखा जा सकता है कि कैसे उक्त हाई के छात्र जांच परीक्षा के दिन कॉपी व प्रश्न पत्र लेकर रेलवे प्लेटफॉर्म, दुर्गा व हनुमान मंदिर पर चले जाते हैं. वहीं बैठ कर कॉपी लिखते हैं और स्कूल प्रबंधन को सौंप जाते हैं. — कहती हैं प्रधान शिक्षिका प्रधान शिक्षिका कुमारी पूनम ने बताया कि विद्यालय में भवन, शिक्षक व उपस्कर की कमी के साथ ही कई समस्याएं हैं. इससे विभाग को अवगत कराया जा चुका है. अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

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