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गबन के आरोपित शक्षिक की प्रतिनियुक्ति रद्द

गबन के आरोपित शिक्षक की प्रतिनियुक्ति रद्द — डीएम ने माना था दोषी, प्रखंड की जांच टीम दी क्लीनचिट — कार्रवाई के बजाय तत्कालीन बीडीओ ने करायी थी आरोपों की जांच — वर्ष 2013 से हीं चल रहा है यह गंभीर मामला परिहार : प्रखंड के मध्य विद्यालय, धरहरवा के प्रभारी प्रधान रहे राजीव कुमार […]

गबन के आरोपित शिक्षक की प्रतिनियुक्ति रद्द — डीएम ने माना था दोषी, प्रखंड की जांच टीम दी क्लीनचिट — कार्रवाई के बजाय तत्कालीन बीडीओ ने करायी थी आरोपों की जांच — वर्ष 2013 से हीं चल रहा है यह गंभीर मामला परिहार : प्रखंड के मध्य विद्यालय, धरहरवा के प्रभारी प्रधान रहे राजीव कुमार विवादित रहे हैं. विवादों से उनका पीछा अब तक नहीं छूट पाया है. उन पर विभिन्न मदों की राशि के गबन करने का आरोप लगा था. जांच में पुष्टि भी हुई थी. जिला से कार्रवाई करने का निर्देश मिला था. बावजूद तत्कालीन बीडीओ द्वारा शिक्षक श्री कुमार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी. अब भी यह मामला लंबित हीं है. वह भी बीडीओ के हीं स्तर पर. इस बीच, प्रखंड कार्यालय में कई महीनों से कार्यरत रहे शिक्षक श्री कुमार की प्रतिनियुक्ति रद्द कर मूल विद्यालय में लौटने का निर्देश दिया गया है. — जांच को बनी थी टीम धरहरवा के अखिलेश नारायण ठाकुर ने वर्ष 2013 में डीएम को एक आवेदन देकर उक्त शिक्षक पर मीना किट, मीना मेला व साइकिल खरीद में सरकारी राशि का गबन करने का आरोप लगाया था. शौचालय का घटिया निर्माण कराने का भी आरोप लगा था. डीएम के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच टीम स्कूल में पहुंच जांच की थी. टीम में लेखा पदाधिकारी, डीपीओ व सहायक अभियंता शामिल थे. जांच में श्री ठाकुर के आरोपों की पुष्टि की गयी थी. रिपोर्ट पर डीएम के आदेश के आलोक में डीपीओ ने बीडीओ को शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था. शिक्षक पर कानूनी कार्रवाई करने के साथ हीं सरकारी राशि की वसूली कें लिए नीलाम वाद दायर करने को कहा गया था. — आदेश नहीं माने बीडीओ डीपीओ का आदेश तत्कालीन बीडीओ वैभव कुमार नहीं माने. उन्होनें आरोपों की जांच के लिए अपने स्तर से दो सदस्यीय टीम गठित की. इस टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में शिक्षक को क्लीनचिट दिया था. बीडीओ द्वारा यह रिपोर्ट जिला में भेज दिया गया था. तब डीपीओ द्वारा एक बार फिर बीडीओ को पत्र भेजा गया और कहा गया कि कार्रवाई न कर मामले की पुन: जांच करायी गयी जो उचित नहीं है. डीपीओ ने तत्कालीन बीडीओ पर शिक्षक का बचाव करने की बात कही थी. मामला अब भी लटका हुआ है. — कहते हैं जांच अधिकारी बीडीओ द्वारा गठित जांच टीम में शामिल प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी प्रेम प्रकाश ने बताया कि आरोपों की जांच की गयी थी. उक्त शिक्षक द्वारा तमाम राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र सौंप दिया गया था. इसी आधार पर शिक्षक को दोष मुक्त करार देकर जिला रिपोर्ट भेज दिया गया था.

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