शहरी क्षेत्रों की विकास के लिए सरकार गंभीर

शहरी क्षेत्रों की विकास के लिए सरकार गंभीर फोटो 4विकास कार्यों से नगर निकायों का भी होगा कायाकल्प सरकार ने कहा, विकास के लिए पैसे की कमी नहीं प्रतिनिधि, सीतामढ़ी. नगर विकास विभाग ने शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है. सरकार की सोच धरातल पर उतरी तो शहरों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2015 6:54 PM

शहरी क्षेत्रों की विकास के लिए सरकार गंभीर फोटो 4विकास कार्यों से नगर निकायों का भी होगा कायाकल्प सरकार ने कहा, विकास के लिए पैसे की कमी नहीं प्रतिनिधि, सीतामढ़ी. नगर विकास विभाग ने शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है. सरकार की सोच धरातल पर उतरी तो शहरों के विकास के साथ-साथ नगर निकायों का भी कायाकल्प हो जायेगा. यानी हर नगर निकाय आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो जायेगा. सरकार का सुझाव विभाग ने नगर निकायों को पत्र भेज कहा है कि नगरों में बस स्टैंड, सामुदायिक भवन, अतिथि भवन, विवाह भवन व टाउन हॉल का निर्माण कराया जा सकता है. पार्क का भी निर्माण कराने को कहा गया है. पाइप जलापूर्ति योजना के लिए जल मीनार व सिवरेज को पंपसेट स्टेशन का निर्माण कराने की बात कही गयी है. नगर निकायों को अपने-अपने क्षेत्रों में सार्वजनिक शौचालय, रैन बसेरा व मलीन बस्तियों में काम कराने की आवश्यकता बतायी गयी है. सरकार ने उक्त तमाम कार्यों के लिए शीघ्र राशि आवंटित करने की बात कही है. क्या है सरकार की सोच सरकार की सोच है कि नगर निकाय वाला क्षेत्र वास्तव में शहरी क्षेत्र लगे. यह तभी संभव है जब उक्त सुविधाएं उपलब्ध होगी. ऐसा होने पर स्वत: संबंधित क्षेत्र का विकास होगा और वह क्षेत्र विकासशील होगा. साथ ही सामाजिक व सांस्कृतिक समारोहों को सुसज्जित भवनों में कराया जा सकेगा. वर्षों से पड़ी है राशि सरकार की उक्त सोच काफी पुरानी है, मगर नगर निकायों की इच्छाशक्ति के अभाव में यह सब संभव नहीं हो पा रहा है. यह जान कर हैरानी होगी कि उक्त कार्यों के लिए सरकार के खजाने में वर्षों से एक बड़ी राशि पड़ी हुई है. कई नगर निकायों के पास भूमि नहीं है तो कई के पास भूमि है, पर इच्छाशक्ति का अभाव है. बाजार दर पर खरीदे भूमिविभाग ने नगर निकायों से कहा है कि यदि भूमि की कमी हो तो बाजार भाव पर क्रय करें. हालांकि सरकार भूमि क्रय करने के लिए एक पैसा नहीं देगी. नगर निकायों को अपने संसाधनों से हुए आय एवं बैंक से ऋण लेकर भूमि क्रय करनी होगी. निकायों को भूमि क्रय करने का अधिकार प्राप्त है. बताया गया है कि बिहार नगर अधिनियम 2007 की धारा 99 के द्वारा नगर निकायों को भूमि क्रय करने की शक्ति प्राप्त है.

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