सीतामढ़ी : सर, क्या बताएं ऐसे भी कहीं गोली चलती है. शांतिपूर्ण सभा पर पहले आंसू गैस छोड़ा गया, फिर गोलियों की बारिश होने लगी. नगर के नंदीपत मेमोरियल हॉस्पिटल में भरती बतरौल(सर्लाही) स्थित राम जानकी मंदिर के महंत राम मनोहर दास वैरागी के आंखों में गुरुवार शाम की घटना आज भी सामने है.
संविधान में अधिकार की मांग को लेकर आंदोलनरत मधेशियों पर नेपाली सेना, पुलिस व चुड़े भावर एकता कमेटी की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की गयी. गोली से बचने की हर कोशिश नाकाम हो रही थी. सेना व पुलिस के साथ चुड़े भावर के लोग घेर कर रोड़ेबाजी कर रहे थे.
् मंच खाली हो गया, लोग सभा स्थल छोड़ चुके थे लेकिन फायरिंग रूकने का नाम नहीं ले रहा था. राम मनोहर दास वैरागी के अलावा गोली के शिकार 13 लोग यहां इलाजरत है. गंभीर रुप से घायल चार आंदोलनकारियों को सदर अस्पताल से एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर रेफर किया गया है. चश्मदीद सलेमपुर निवासी मनोहर राय कहते हैं कि गोली की कोई गिनती नहीं थी. लोग जैसे तैसे जान बचा कर भाग रहे थे. हालत यह था कि कोई किसी की सहायता करने को तैयार नहीं था.
भागने के क्रम में मार दी गोली
भागने के क्रम में हमें पीछे से गोली मार दी गयी. प्राण बचा कर जैसे तैसे भागे. आंख के सामने राधिका देवी गोली लगते हीं गिर गयी. खौफ इतना था कि कोई वहां फटकने की जुर्रत नहीं कर रहा था. गणेशिया गांव निवासी सिकंदर राम कहते हैं कि ऐसा अनर्थ जीवन में नहीं देखा था.
चारों तरफ चीख पुकार मची थी. एक घंटे तक फायरिंग होती रही. सेना व सशस्त्र प्रहरी के जवान एक कोन से गोलियां बरसा रहे थे,तो दूसरी ओर से चुड़े भावर वाले रोड़ेबाजी कर रहे थे.
चिकित्सक ने की व्यवस्था
नर्सिंग होम के चिकित्सक डॉ वरुण कुमार कहते हैं कि घायलों के बारे में पहले हीं सूचना दे दी गयी थी. पहले कहा गया था कि 20 से 25 की संख्या में गोली से घायल लोगों को इलाज के लिए भरती कराना है.
इसके बाद वह इंतजाम की पूरी व्यवस्था में लग गये. सभी स्टाफ को अलर्ट कर दिया गया था. कुल सात एंबुलेंस पर घायल अस्पताल लाये गये. 13 लोगों को भरती कराया गया. इनमें नौ को गोली लगी थी. दो की हेड इंज्युरी थी एवं दो को खुकरी से घायल किया गया था. गंभीर रुप से घायल तीन लोगों का ऑपरेशन किया गया. इनमें दो के सीने व एक के पेट से गोली निकाला गया.