गरीबों की हकमारी बरदाश्त नहीं : डा‍ॅ बुखारी

गरीबों की हकमारी बरदाश्त नहीं : डा‍ॅ बुखारीफोटो-13एसएफसी से जुड़े हर ट्रक पर पीला रंग से ‘बिहार राज्य खाद्य आयोग’ लिखना अनिवार्य आपूर्ति का हाल जान कर लौटे खाद्य आयोग के अध्यक्ष खाद्यान्न की गड़बड़ी को लेकर आयोग गंभीर प्रतिनिधि, सीतामढ़ी. जिले के विभिन्न प्रखंडों में सरकारी खाद्यान्न की गड़बड़ी से शायद ही कोई वाकिफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2015 6:49 PM

गरीबों की हकमारी बरदाश्त नहीं : डा‍ॅ बुखारीफोटो-13एसएफसी से जुड़े हर ट्रक पर पीला रंग से ‘बिहार राज्य खाद्य आयोग’ लिखना अनिवार्य आपूर्ति का हाल जान कर लौटे खाद्य आयोग के अध्यक्ष खाद्यान्न की गड़बड़ी को लेकर आयोग गंभीर प्रतिनिधि, सीतामढ़ी. जिले के विभिन्न प्रखंडों में सरकारी खाद्यान्न की गड़बड़ी से शायद ही कोई वाकिफ नहीं होगा. हर माह बड़ी मात्रा में राशन काला बाजार में बेच दिया जाता है. भले ही विभाग के अधिकारी इस बात को स्वीकार न करे, लेकिन यह सच्चाई है. बिहार राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष डाॅ अस्मतुल्लाह बुखारी ने जिले का भ्रमण कर बताया कि बॉर्डर इलाके के प्रखंडों से गरीबों का खाद्यान्न नेपाल चला जाता है. जनता दरबार की जरूरत 10 व 11 दिसंबर को दो दिवसीय भ्रमण के दौरान उन्हें खाद्यान्न में गड़बड़ी की कई शिकायतें मिली हैं. उन्होंने निर्णय लिया है कि वे अनुमंडल स्तर पर जनता दरबार लगा कर लोगों से खाद्यान्न की बाबत जानकारी लेंगे. इसे ले डीएम से बात हुई है. यह पहली बार है कि खाद्यान्न में मिली गड़बड़ी की शिकायत पर आयोग द्वारा जनता दरबार लगाने का निर्णय लिया गया है. नदारद मिले दोनों एजीएम आयोग के अध्यक्ष डाॅ बुखारी ने रुन्नीसैदपुर व सीतामढ़ी स्थित एसएफसी के गोदाम का जायजा लिया. दोनों गोदाम के एजीएम नदारद मिले. रुन्नीसैदपुर गोदाम पर एक ट्रक खड़ा था. उस पर 250 बोरा चावल था. हालांकि किसी भी नजरिये से उक्त ट्रक एसएफसी का नहीं लग रहा था. सीतामढ़ी गोदाम पर एजीएम तो नहीं, पर एक लड़का जरूर मिला. उक्त लड़का ने बताया कि वह एजीएम का मुंशी है. वहां भी दो ट्रक मिला, जिस पर खाद्यान्न लदा था. निरीक्षण के दौरान कई जनप्रतिनिधियों ने डाॅ बुखारी को बताया कि खाद्यान्न का एक बड़ा खेप हर माह नेपाल चला जाता है. इसमें चावल की तस्करी की जाती है. डीलरों की धांधली से भी उन्हें अवगत कराया गया. डीएम व एसडीओ से बात शुक्रवार को प्रभात खबर से हुई बातचीत में डाॅ बुखारी ने बताया कि निश्चित तौर पर गरीबों की हकमारी होती है और खाद्यान्न का कुछ हिस्सा तस्करी के जरिये नेपाल में बेच दिया जाता है. इस पर रोक लगाने के लिए डीएम व एसडीओ से उनकी बात हुई है. किसी भी स्थिति में गरीबों की हकमारी बरदाश्त नहीं की जायेगी. दोनों एजीएम के नदारद रहने के मामले में कार्रवाई की बात बताया कि बाद में जिला प्रबंधक ने जानकारी दी कि दोनों दो बजे तक डीलरों को खाद्यान्न दिये थे. बाद में वे दूसरे काम से दोनों को भेज दिये थे. उनका कहना था कि एसएफसी से जुड़े हर ट्रक पर पीला रंग से ‘बिहार राज्य खाद्य आयोग’ लिखा रहेगा. यह अनिवार्य है. तौल कर ही देना है खाद्यान्न प्रभात खबर द्वारा यह बताये जाने पर कि एसएफसी को न तौल कर खाद्यान्न मिलता है और न ही एसएफसी गोदाम से डीलरों को तौल कर खाद्यान्न मिलता है. तब तो डीलर गड़बड़ी करेंगे ही. इस पर डाॅ बुखारी का कहना था कि एसएफसी को तौल कर खाद्यान्न नहीं मिलता होगा, यह संभव ही नहीं है. ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है कि बिना तौल कर खाद्यान्न लें. गोदाम से डीलरों को तौल कर ही खाद्यान्न मिलना है और मिलता भी है. अगर कोई एमओ कहता है कि तौल कर खाद्यान्न नहीं दिया जाता है तो वे वैसे एमओ पर कार्रवाई की जाएगी.

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