परश्रिम का कोई विकल्प नहीं : डॉ अजय

परिश्रम का कोई विकल्प नहीं : डॉ अजय सरस्वती विद्या मंदिर में काउंसेलिंग कार्यक्रम का आयोजनछात्र-छात्राओं को चरित्र निर्माण पर दिया गया बलसीतामढ़ी. परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता. हम अपने परिश्रम के द्वारा वह सब कुछ पा सकते हैं, जिसे पाने का हमने अपने जीवन में लक्ष्य बना रखा है. उक्त बातें प्रो (डॉ) […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2015 8:15 PM

परिश्रम का कोई विकल्प नहीं : डॉ अजय सरस्वती विद्या मंदिर में काउंसेलिंग कार्यक्रम का आयोजनछात्र-छात्राओं को चरित्र निर्माण पर दिया गया बलसीतामढ़ी. परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता. हम अपने परिश्रम के द्वारा वह सब कुछ पा सकते हैं, जिसे पाने का हमने अपने जीवन में लक्ष्य बना रखा है. उक्त बातें प्रो (डॉ) अजय कुमार ने शनिवार को रिंग बांध स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में कही. वे विद्यालय के दशम वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए काउंसिलिंग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन में प्रतिदिन अपने कुछ कार्यों का लक्ष्य बनाते हैं, परंतु उस लक्ष्य तक पहुंचने का हमारा मार्ग क्या होगा, यही बताना मार्गदर्शक का कार्य होता है. हम कुशल परामर्श एवं मार्गदर्शन के द्वारा लक्ष्य तक पहुंचने का सही मार्ग जान पाते हैं. इस परामर्श एवं मार्गदर्शन कार्यक्रम की रूपरेखा को स्पष्ट करते हुए विद्या भारती के क्षेत्रीय सचिव दिलीप कुमार झा ने कहा कि जीवन का विकास केवल गणित एवं विज्ञान के ज्ञान से हीं संभव नहीं है. इसके लिए हमें अपने चरित्र निर्माण पर भी बल देने की आवश्यकता है. शिक्षा के साथ मानवता का विकास जरूरीहम केवल एक अच्छे डॉक्टर या इंजीनियर ही नहीं बनें हमें एक अच्छा आदमी बनने पर बल देना होगा. शिक्षा के साथ मानवता का विकास आवश्यक है. कार्यक्रम के दूसरे सत्र में डॉ दिवाकर पाठक ने बच्चों को विज्ञान को रुचिकर एवं सुगम बना कर पढ़ने एवं उसे जीवन में उपयोगी बनाने पर बल दिया. लड़कियां जुड़े, तो मुफ्त शिक्षण व्यवस्था यूरेका की डाइरेक्टर शोभा ने अपने मार्गदर्शन विचारों से बच्चों को काफी प्रेरित किया एवं घोषणा की कि यहां की लड़कियां यूरेका से जुड़ना चाहे तो उनके लिए मुफ्त शिक्षण की व्यवस्था की जायेगी. आचार्य राहुल चौधरी ने रसायन विषय में बच्चों का मार्गदर्शन किया. कार्यक्रम का संचालन पूर्णिया विभाग के निरीक्षक उमाशंकर पोद्दार ने किया. मिथिलेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मौके पर प्राचार्य शंभु शरण तिवारी, मंत्री उपेंद्र शुक्ल, रामनरेश ठाकुर समेत सभी आचार्य उपस्थित थे.

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