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तीन फरजी खाता खोल उड़ाया 78 लाख 25000 रुपये

तीन फरजी खाता खोल उड़ाया 78 लाख 25000 रुपयेबैंक में अवैध रूप से कार्यरत था नीतीश नीतीश पर एक बार फिर प्राथमिकी दर्ज सीतामढ़ी/बोखड़ा. ग्रामीण बैंक की खड़का शाखा में करीब दो वर्ष तक अवैध रूप से कार्यरत रहे नीतीश झा पर एक बार फिर प्राथमिकी दर्ज हुई है. उनपर तीन फरजी तरीके से खाता […]

तीन फरजी खाता खोल उड़ाया 78 लाख 25000 रुपयेबैंक में अवैध रूप से कार्यरत था नीतीश नीतीश पर एक बार फिर प्राथमिकी दर्ज सीतामढ़ी/बोखड़ा. ग्रामीण बैंक की खड़का शाखा में करीब दो वर्ष तक अवैध रूप से कार्यरत रहे नीतीश झा पर एक बार फिर प्राथमिकी दर्ज हुई है. उनपर तीन फरजी तरीके से खाता खोलने का आरोप है. बताया जाता है कि पूर्व शाखा प्रबंधक व कैशियर अपने जेब से वेतन देकर नीतश से काम लेते थे. अधिकारियों में हड़कंप विभागीय अधिकारियों में हड़कंप तब और मच गया जब गबन की जांच के दौरान पता चला कि नीतीश ने तीन फरजी खाता खोल कर उसके माध्यम से वह दो वर्ष के अंदर बैंक का 78 लाख 25 हजार 854 रुपये गबन कर लिया. ऑडिट के अनुसार नीतीश किसी खाताधारी के खाते का पैसा एक-एक कर चार जगह डालता था और बाद में शाखा से ही नगद की निकासी कर लेता था. एटीएम से भी लाखों रुपये की निकासी किया था. हद तो यह कि कई बार बिना विड्रॉल फार्म भरे ही पैसे की निकासी कर लिया. तो ऐसे हुआ खुलासा गबन का उक्त मामला ग्रामीण बैंक की खड़का शाखा का है. गबन का यह मामला बीच में पकड़ में नहीं आया, के सवाल पर नए शाखा प्रबंधक विजय कुमार कहते हैं कि बैंक का वार्षिक ऑडिट नहीं होने के चलते ही पता नहीं चला. बताया कि रायपुर शाखा के प्रबंधक कमरुल ओला रिटायर्ड हो रहे थे. तभी उक्त शाखा की ऑडिट करायी गई तो गबन का मामला उजागर हुआ. श्री ओला के कार्यकाल में नीतीश रायपुर शाखा में ही काम करता था. यहां के बाद खड़का शाखा में गया था. वरीय अधिकारियों को आशंका हुई कि खड़का शाखा में भी गबन हो सकता है. ऑडिट करायी गई. आंशिक ऑडिट में सात लाख आठ हजार 22 रुपये का गबन सामने आया. तब तत्कालीन प्रबंधक एसएन अब्बास ने नीतीश के खिलाफ 11 फरवरी 14 को नानपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. गबन बढ़ कर 78 लाख पार प्रबंधक श्री कुमार ने कहा कि शाखा की गहन ऑडिट शुरू की गई. लगातार एक माह की जांच के बाद 78 लाख 25 हजार 854 रुपये का गबन उजागर हुआ. इसे ले नीतीश के खिलाफ 22 दिसंबर 15 को दूसरी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. वे कहते हैं कि वरीय को बगैर सूचना दिये नीतीश को काम पर रखा गया था. उसे 10 हजार भुगतान होता था. पूर्व शाखा प्रबंधक चार हजार तो कैशियर छह हजार देते थे. तीन फरजी खाते का खुलासा जांच के दौरान पता चला कि नीतीश तीन नाम एक्सवाइजेड, नीतीश चंद्र झा व मिस्टर राजकुमार के नाम से फरजी खाता खोल रखा था. बैंक के सीडी एकाउंट के अलावा सैकड़ों आम जनता के खाते से भी राशि की निकासी कर ली थी. प्रबंधक श्री कुमार की माने तो शाखा के पीएल एकाउंट से 22 लाख की निकासी की गयी है. खास बात यह कि नीतीश तत्कालीन शाखा प्रबंधक के ही आइडी पर कंप्यूटर पर बैंकिंग का काम करता था. खड़का शाखा में वर्ष 2012 से 24 मइ 14 तक कार्यरत रहा. बता दें कि नीतीश प्रखंड के भाउर गांव निवासी शंभुनाथ झा का पुत्र है. अब तक पकड़ से बाहर इधर, नीतीश पर दो प्राथमिकी दर्ज हो गई, पर अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है. पहली प्राथमिकी के अनुसंधानकर्ता अवर निरीक्षक संजीत कुमार तो दूसरी प्राथमिकी की जांच खुद थानाध्यक्ष ललन कुमार कर रहे हैं. थानाध्यक्ष ने बताया कि शीघ्र कार्रवाई की जाएगी. अवर निरीक्षक संजीत कुमार के अवकाश पर रहने के कारण पहली प्राथमिकी की जांच की विशेष जानकारी नहीं मिल सकी.

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