आर्थिक हिंसा से बचाव की करे चिंता : प्रो सिंह

आर्थिक हिंसा से बचाव की करे चिंता : प्रो सिंहफोटो-10 — समता ग्राम सेवा संस्थान द्वारा साक्षात्कार कार्यक्रम का आयोजन– बेलसंड के पांच पंचायत के 15 गांव में चल रहा कार्यक्रमसीतामढ़ी समता ग्राम सेवा संस्थान द्वारा गुरुवार को सेव द चिल्ड्रेन के सहयोग से ‘साथ-साथ हमारा व्यवहार मिटायेगा लिंग आधारित हिंसा एवं दुर्व्यवहार’ विषय पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2015 6:54 PM

आर्थिक हिंसा से बचाव की करे चिंता : प्रो सिंहफोटो-10 — समता ग्राम सेवा संस्थान द्वारा साक्षात्कार कार्यक्रम का आयोजन– बेलसंड के पांच पंचायत के 15 गांव में चल रहा कार्यक्रमसीतामढ़ी समता ग्राम सेवा संस्थान द्वारा गुरुवार को सेव द चिल्ड्रेन के सहयोग से ‘साथ-साथ हमारा व्यवहार मिटायेगा लिंग आधारित हिंसा एवं दुर्व्यवहार’ विषय पर बाल समूह और बाल सुरक्षा समिति के सदस्यों का साक्षात्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. नगर के गोयनका कॉलेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का प्रो श्याम किशोर सिंह ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया. मंच संचालन करते हुए संस्था के कार्यक्रम समन्वयक कमल किशोर सिंह ने कहा कि बेलसंड प्रखंड के तीन पंचायत चंदौली, पचनौर और कंसार के 15 गांवों में संस्था द्वारा कार्यक्रम चलाया जा रहा है. बाल समूह एवं बाल सुरक्षा समिति के माध्यम से लैंगिक हिंसा एवं दुर्व्यवहार के उन्मूलन का प्रयास किया जा रहा है. जिसमें सरकारी पदाधिकारियों, शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों, मठाधीशों और मौलवियों का सहयोग लिया जा रहा है. प्रो सिंह ने कहा कि बच्चों के द्वारा चलाया जा रहा कार्यक्रम प्रशंसनीय है और ऊपर तक जाने की जरूरत है. लैंगिक हिंसा के साथ-साथ देश को आर्थिक हिंसा से बचाव की चिंता करें और उसे रोकने की दिशा में कार्यक्रम चलावें. हम दूसरे की तरफ नहीं हमारे तरफ सब देखे. उन्होंने कहा कि कैसी विडंबना है कि सभी पुरुष को मां, बहन और प्रेमिका चाहिए, किंतु बेटी नहीं चाहिए. जब देश में सती प्रथा खत्म हो सकता है तो आपके जुनून से लैंगिक हिंसा का उन्मूलन भी हो सकता है. पुरातन व्यवहार अब भी प्रचलितसामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार मधु ने कहा कि आज के आधुनिक युग में, जबकि मानव समाज सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और ज्ञान एवं सूचना के नित नये आयामों को हासिल कर रहा है. दुर्भाग्यपूर्ण रुप से लिंग आधारित भेदभाव एवं हिंसा के पुरातन व्यवहार अब भी प्रचलित है. लड़का -लड़की का भेदभाव हो दूरबाल समूह के कन्हैया कुमार एवं ज्योति कुमारी ने लड़का और लड़की के काम, पहनावा, व्यवहार, पुरानी रीति रिवाज का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों में भेदभाव का कारण यही है. इसे समाज से दूर करना पड़ेगा तब हिंसा और उत्पीड़न कम हो सकेगा. कार्यक्रम में नीरज कुमार, शशि गुप्ता, मनीष कुमार, जयनारायण भगत, पूनम देवी, प्रेम शंकर सिंह, राम एकबाल ठाकुर, मो तबरेज, राकेश कुमार समेत अन्य लोगों ने भाग लिया.

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