तीन दशक बाद भी वस्थिापित हैं 30 परिवार
तीन दशक बाद भी विस्थापित हैं 30 परिवारमूकदर्शक बना प्रशासनफोटो:-1,2जर्जर तटबंध, तटबंध से पर बसे परिवार झंझारपुर. कमला पश्चिम तटबंध पर बसे 30 विस्थापित परिवार 30 साल से अधिक समय से विस्थापित हैं, लेकिन किसी जनप्रतिनिधि व प्रशासन की आेर से समस्या का समाधान नहीं हो सका है. विस्थापितों को अब डीएम गिरिवर दयाल सिंह […]
तीन दशक बाद भी विस्थापित हैं 30 परिवारमूकदर्शक बना प्रशासनफोटो:-1,2जर्जर तटबंध, तटबंध से पर बसे परिवार झंझारपुर. कमला पश्चिम तटबंध पर बसे 30 विस्थापित परिवार 30 साल से अधिक समय से विस्थापित हैं, लेकिन किसी जनप्रतिनिधि व प्रशासन की आेर से समस्या का समाधान नहीं हो सका है. विस्थापितों को अब डीएम गिरिवर दयाल सिंह से समस्या का समाधान करने के उम्मीद है. क्या है मामला 1987 में आयी भयंकर बाढ़ की त्रासदी में नरुआर के दक्षिणवाइ टोला का लगभग 30 परिवार का घर बाढ़ से ध्वस्त हो गया. जानमाल की खतरा देख परिवारों ने तत्काल तटबंध पर बसेरा बनाया. उस समय प्रशासन की ओर से सभी विस्थापित परिवार को पुनर्वास कराने का आश्वासन दिया. लेकिन 30 साल बीत चुका है. 1987 से हैं विस्थापित 30 साल से तटबंध किनारे ही समय बिताने को मजबूर हैं. पुनर्वास की आस में दर्जनों लोगों की मौतें भी हो चुकी है. लेकिन जिला प्रशासन ने इनकी दर्द को नहीं समझा है. मो. हमीद, मो. मोसिम, मो. बेचन, मो. मजलूम, मो. मुमताज, मो. जाकिर, मो. कैयुम, मो. युनुष, मो. अल्लाउद्दीन, मो. हफीज, मो. निषारुल, मो. अब्बास, मो.गफ्फुर, मो. अबुल, मो. अब्बास, बैजनाथ मुखिया, चैठी मुखिया, तरुण मुखिया, परमेश्वर मुखिया, मोती मुखिया, फुलचन मुखिया, गणेश मुखिया, रवींद्र मुखिया, भोली मुखिया, रामबहादुर मुखिया, रेजीत मुखिया, जोगी मुखिया, ठकाइ मुखिया, बुचिया देवी आदि कमला तटबंध कर वर्षों से विस्थापित हैं. क्या कहते हैं विस्थापितमो. कैयुम ने कहा कियहां विस्थापित परिवार को किसी भी तरह की सुविधा दिलाने में प्रशासन पूरी तरह से विफल रहे हैं.मो. जाकिर ने कहा कि विस्थापित परिवार को स्थापित करने को लेकर सरकार सजग हैं, बावजूद स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के कारण हम लोगों को इस ठंड में यहां रहने को मजबूर किया जा रहा है.मो. हमिद ने कहा कि सरकारी पहल के बावजूद प्रशासन की नींद नहीं खुल पा रही है. अब विस्थापित परिवार धरना-प्रदर्शन करने से भी बाज नहीं आएगी.क्या कहते हैं अधिकारी अंचलाधिकारी हेमंत कुमार दास ने बताया कि इस संदर्भ में डीएम को जानकारी दे दी गई है. डीएम के आदेश के बाद ही कोई कार्रवाई होगी.