ऋषि के 10 धुर जमीन खरीदने का सपना नही हो सका साकार

ऋषि के 10 धुर जमीन खरीदने का सपना नही हो सका साकार — सामाजिक तिरस्कार के बाद उठा लिया हथियार संतोष झा के शार्प शूटर है ऋषि झा– ऋषि का भाई लेकेश जून 2013 से है गायब सीतामढ़ी : बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी नामक आपराधिक संगठन के मुखिया संतोष झा गैंग के शार्प शूटर ऋषि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2016 9:00 PM

ऋषि के 10 धुर जमीन खरीदने का सपना नही हो सका साकार — सामाजिक तिरस्कार के बाद उठा लिया हथियार संतोष झा के शार्प शूटर है ऋषि झा– ऋषि का भाई लेकेश जून 2013 से है गायब सीतामढ़ी : बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी नामक आपराधिक संगठन के मुखिया संतोष झा गैंग के शार्प शूटर ऋषि झा के रिश्तेदारों की बातों पर यकीन करें दबंगों के साजिश का शिकार होकर दोनों भाई अपराध की दलदल में उतरते चले गये. नतीजा सामने है कि एक भाई ऋषि जेल में बंद है, तो बड़ा भाई लंकेश 11 जून 2013 से गायब. — समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की थी चाहतऋषि को जानने वालों का कहना है कि दो-ढ़ाई साल से संतोष गिरोह के लोगों का नाम किसी भी आपराधिक घटना में नही आया. इस बीच ऋषि भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ना चाहता था. उसे एहसास हो गया था कि आपराधिक जीवन के कारण उसका एक भाई वर्षों से गायब है. जिसका कोई सुराग हाथ नही लग रहा है. उसे मारे जाने की चर्चा अब आम बात हो गयी है. इस कारण दिसंबर 2014 में ऋषि ने शादी कर ली. शादी के बाद व रून्नीसैदपुर में 10 धुर जमीन लेकर घर बनाना चाहता था, लेकिन वर्षों तक आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद भी उसके पास इतने पैसे नही थे कि वह जमीन खरीद सकता. — जेल में हुई थी संतोष से मुलाकातऋषि व लंकेश के रिश्तेदारों के अनुसार दबंगों के साजिश का शिकार होकर वर्ष-2006 में लंकेश जेल गया. कारण बताया कि नगर थाना क्षेत्र के सीओ ऑफिस वाली गली में उनका मकान था. जिस पर मुहल्ला के कुछ दबंग प्रवृति के लोगों की नजर थी. पहले बेचने का दबाव बनाया, असफल होने पर पुलिसकर्मियों को मेल में लेकर साजिश कर डकैती की योजना बनाने के अपराध में लंकेश को जेल भेज दिया. वहीं उस वक्त नक्सली वारदातों के कारण जेल में बंद संतोष झा से लंकेश की मुलाकात हुई. — घर से भाग कर गैंग में हो गया शामिलजेल से आने के बाद मुहल्ला के लोगों ने लंकेश को जेल जाने का ताना मारना शुरू कर दिया. कहा जाता है कि वह परेशान होकर घर से भाग कर संतोष के गैंग में शामिल हो गया. बाद में बड़ा होने पर उसका छोटा भाई ऋषि झा भी संतोष के लिए काम करने लगा. इस बीच तंग आकर परिवार की सामूहिक रजामंदी होने पर लंकेश के पिता ने सीओ ऑफिस वाली जमीन को बेच दिया.

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