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लखनदेई का होगा कायाकल्प

सीतामढ़ी : धार्मिक व सिंचाइ के दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण लक्ष्मणा नदी उर्फ लखनदेई नदी की उड़ाही का रास्ता डीएम राजीव रौशन ने साफ कर दिया है. डीएम के निर्देश पर बागमती प्रमंडल की ओर से उड़ाही को लेकर सर्वेक्षण का कार्य तेजी से किया जा रहा है. बागमती प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता राम विनय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2016 4:17 AM

सीतामढ़ी : धार्मिक व सिंचाइ के दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण लक्ष्मणा नदी उर्फ लखनदेई नदी की उड़ाही का रास्ता डीएम राजीव रौशन ने साफ कर दिया है. डीएम के निर्देश पर बागमती प्रमंडल की ओर से उड़ाही को लेकर सर्वेक्षण का कार्य तेजी से किया जा रहा है. बागमती प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता राम विनय सिन्हा ने बताया कि सर्वेक्षण के बाद डीपीआर बनाया जायेगा.

मनरेगा से होगा उड़ाही का काम
मनरेगा के कार्यपालक अभियंता इंद्रदेव प्रसाद ने बताया कि लखनदेई नदी की उड़ाही का काम मनरेगा योजना से कराया जायेगा. इसके लिए अभियंताओं की टीम सर्वेक्षण का काम कर रही है. चार प्रखंडों से जुड़े लखनदेई नदी की उड़ाही में 18 पंचायतों को शामिल किया जायेगा. चार प्रखंड में शामिल सोनबरसा प्रखंड के पंचायत का सर्वेक्षण कर लिया गया है.
जबकि बथनाहा, रीगा व डुमरा का सर्वेक्षण होना है. बताया जाता है कि समय के साथ लखनदेई नदी का अस्तित्व करीब पूरी तरह विलुप्त हो चुका है. शहर के गण्मान्य सह समाजसेवी रामशरण अग्रवाल का कहना है कि नेपाल के सर्लाही जिले के तीन जल श्रोत भारत में प्रवेश के पूर्व एकीकृत हो जाते हैं. इसी एकीकृत स्वरूप को लखनदेई कहते हैं. आज भी नेपाल में यह नदी अंत:सलिला है. लखनदेई की पुरानी धारा या नई धारा का प्रवेश द्वार सोनबरसा क्षेत्र में ही रहा है.
लगभग 30 वर्ष पहले इस नदी ने नेपाल में अपना मार्ग बदलना शुरू किया और लगभग 8 किमी पूरब चली आयी. इसी मार्ग परिवर्तन के कारण सीतामढ़ी लक्ष्मणा के जल से वंचित हुआ. कभी बागमती की सहायक रही आज अधवारा समूह की नदियों की सहायक है. पूरा सोनबरसा क्षेत्र इसके अनिश्चित प्रवाह के कारण त्रस्त है और सीतामढ़ी शहर से कटरा तक का इलाका जलजमाव को झेल रहा है. लखनदेई नदी के उद्धार के लिए स्व हरिकिशोर सिंह, तत्कालीन सांसद ने 1985 में प्रयत्न लिये थे और से आज तक इस प्रयत्न में लगे रहे है.

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