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सुधांशु ने करायी थी ट्रक चोरी की झूठी प्राथमिकी

सुधांशु ने करायी थी ट्रक चोरी की झूठी प्राथमिकी फोटो-15 पुलिस गिरफ्त में तीनों आरोपित.ब्लेड से नस काट कर किया आत्महत्या का प्रयासइलाज के दौरान मीडिया को दी थी गलत जानकारीपुलिस पर लगाया था हाजत में बंद कर पिटाई करने का आरोपसीतामढ़ी/रुन्नीसैदपुर. रुन्नीसैदपुर थाने की पुलिस द्वारा कथित ट्रक मालिक, चालक व खलासी को हाजत […]

सुधांशु ने करायी थी ट्रक चोरी की झूठी प्राथमिकी फोटो-15 पुलिस गिरफ्त में तीनों आरोपित.ब्लेड से नस काट कर किया आत्महत्या का प्रयासइलाज के दौरान मीडिया को दी थी गलत जानकारीपुलिस पर लगाया था हाजत में बंद कर पिटाई करने का आरोपसीतामढ़ी/रुन्नीसैदपुर. रुन्नीसैदपुर थाने की पुलिस द्वारा कथित ट्रक मालिक, चालक व खलासी को हाजत में बंद कर पीटने के मामले में मंगलवार को नया मोड़ आया है. चोरी की गयी ट्रक का कथित मालिक सुधांशु कुमार को न तो पुलिस ने प्रताड़ित किया था और न ही उसके साथ चालक व खलासी को हाजत में बंद कर पिटायी ही की गयी थी. दरअसल शौचालय में ब्लेड से नस काट कर सुधांशु ने आत्महत्या का प्रयास किया था. इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती के दौरान उसने मीडिया को गलत बयान देकर भ्रमित किया. पुलिसिया छानबीन में यह बात सामने आयी है कि सुधांशु ने अपने चाचा, चालक और खलासी के साथ साजिश रच कर ट्रक चोरी की झूठी व मनगढ़ंत प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उसने फरजी तरीके से ट्रक का कागजात तैयार करवाया था. इतना ही नहीं अपने पांच वर्षीय ममेरा भाई के अपहरण मामले में वह जेल भी जा चुका है. रुन्नीसैदपुर थाने की पुलिस ने मामले का उद्भेदन करते हुए कथित ट्रक मालिक सुधांशु कुमार, चालक पप्पू उर्फ प्रह्लाद सिंह एवं खलासी पंकज नोनिया को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वहीं उनसे पूछताछ किया जा रहा था. रुन्नीसैदपुर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पूछताछ में सुधांशु ने जो बयान दिया है , उसके मुताबिक उसने ट्रक का कागजात तो बनवा लिया था, लेकिन ट्रक अस्तित्व में था ही नहीं. ममेरा भाई के अपहरण में जा चुका है जेलबयान में उसने कहा कि 10 वर्ष पूर्व उसने अपने ममेरा भाई राजू (5) का अपहरण किया था. इस मामले में वह जेल भी जा चुका है. जेल से निकलने के बाद उसने बस का व्यवसाय शुरू किया. केयर टेकर के बतौर ट्रक भी चलाता था. इसी क्रम में उसकी मुलाकात पप्पू उर्फ प्रह्लाद सिंह से हुआ, जो पूर्वी चंपारण जिले के ढाका थाना अंतर्गत करसहिया गांव का रहनेवाला है. इसी क्रम में बेगूसराय जिला अंतर्गत डंडारी थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव निवासी पंकज नोनिया से भी उसका परिचय हुआ. करीब तीन वर्ष पूर्व सुधांशु अपने चाचा उमेश कुमार सिंह के सहयोग से 15 हजार रुपये में सिलीगुड़ी के एक कबाड़ी व्यवसायी से नगालैंड राज्य के पंजीकृत ट्रक का कागजात खरीदा. डीटीओ ऑफिस से बनाया फरजी कागजातइसके बाद सीतामढ़ी जिला परिवहन कार्यालय के एक कंप्यूटर ऑपरेटर की मदद से 30 हजार रुपये खर्च कर बिहार का निबंधन संख्या-बीआर 30जी 6194 में बदलवाया. कागजात तो हासिल हो गया, लेकिन काफी प्रयास के बावजूद उसे कबाड़ी की दुकान से ट्रक लेने में सफलता नहीं मिली. ट्रक का कागजात उसने अपने रिश्तेदार मुकेश कुमार शर्मा के नाम से बनवाया, जो शिवहर जिले के पुरनहिया थाना अंतर्गत वसंतपट्टी गांव का रहनेवाला है. पूछताछ में सुधांशु ने यह स्वीकार किया है कि डीटीओ कार्यालय से कागजात हासिल करने के लिए उसने मुकेश कुमार शर्मा के नाम से फर्जी हस्ताक्षर भी किया है. चाचा के साथ मिल कर रची थी साजिशयह भी बताया कि ट्रक नहीं मिलने के कारण प्रतिवर्ष चार हजार रुपये का टैक्स देना पड़ रहा था. इसी से बचने की खातिर उसने अपने चाचा उमेश कुमार सिंह के साथ षड्यंत्र रचा तथा चालक व खलासी को पांच हजार में राजी कर ट्रक लूट का झूठा मामला दर्ज कराने की योजना बनायी. 28 दिसंबर को वह अपने फुफेरा भाई अजीत कुमार सिंह के साथ विचार कर क्वाही पेट्रोल पंप को घटनास्थल बताते हुए 30 दिसंबर को चाचा के साथ पहुंच कर झूठा केस दर्ज करा दिया. पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में चार जनवरी को पूछताछ के लिए तीनों को थाना बुलाया था, इसी क्रम में मामले का खुलासा हुआ.

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