बिना विज्ञापन ही कंप्यूटर ऑपरेटरों की बहाली!

सीतामढ़ी : डीएचएस के प्रभारी डीपीएम समरेंद्र नारायण वर्मा विभिन्न आरोपों में बूरी तरह फंस गये हैं. आरोपों की गंभीरता को देखते हुए डीएम के स्तर से आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है. हालांकि श्री वर्मा के असहयोग के चलते जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है. मुख्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2016 3:08 AM

सीतामढ़ी : डीएचएस के प्रभारी डीपीएम समरेंद्र नारायण वर्मा विभिन्न आरोपों में बूरी तरह फंस गये हैं. आरोपों की गंभीरता को देखते हुए डीएम के स्तर से आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है. हालांकि श्री वर्मा के असहयोग के चलते जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है. मुख्य आरोप बिना विज्ञापन के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कंप्यूटर ऑपरेटरों की बहाली करने का है.

डीपीएम नहीं कर रहे सहयोग
11 दिसंबर को डीडीसी ने डीपीएम को पत्र भेज जांच में सहयोग करने को कहा था. इससे पूर्व 20 अक्तूबर को डीपीएम को संबंधित संचिका, अभिलेख व सूचना जांच समिति के समक्ष उपस्थापित करने का निर्देश दिया गया था. बावजूद संचिका उपस्थापित नहीं की गयी. इसी कारण डीडीसी को दोबारा पत्र भेजना पड़ा था. सूत्रों ने बताया कि अब तक श्री वर्मा जांच में कोई सहयोग नहीं किये हैं. जिला विकास के प्रभारी पदाधिकारी मो. मंजूर अली ने डीडीसी को भेजे ताजा पत्र में कहा है कि प्रभारी डीपीएम श्री वर्मा द्वारा जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा है. वर्मा के खिलाफ अपने स्तर से अपेक्षित कार्रवाई किया जाये.
डीएम ने भी दिया था निर्देश
डीएम राजीव रौशन के भी निर्देश का कोई असर नहीं पड़ा है. डीएम ने 26 अगस्त 15 को सिविल सर्जन व प्रभारी डीपीएम को पत्र भेज दो मामले से संबंधित संचिका अपने मंतव्य के साथ उपस्थापित करने का निर्देश दिया था. दोनों मामले में कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्ति व राशि के गबन से संबंधित है.

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