जेल से शातिर राकेश ने चिमनी व्यवसायी से मांगी 10 लाख रंगदारी

जेल से शातिर राकेश ने चिमनी व्यवसायी से मांगी 10 लाख रंगदारी फोटो नंबर-9, मंडलकारा वर्षों से चल रहा जेल के अंदर से अपराधियों का काला कारोबारसमय के साथ बढ़ता जा रहा रंगदारी मांगने का सिलसिलाराकेश पर दर्ज है संगीन अपराधों के 39 मामले संवाददाता, सीतामढ़ी. हैलो, मैं जेल से शातिर अपराधी राकेश दास बोल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2016 6:52 PM

जेल से शातिर राकेश ने चिमनी व्यवसायी से मांगी 10 लाख रंगदारी फोटो नंबर-9, मंडलकारा वर्षों से चल रहा जेल के अंदर से अपराधियों का काला कारोबारसमय के साथ बढ़ता जा रहा रंगदारी मांगने का सिलसिलाराकेश पर दर्ज है संगीन अपराधों के 39 मामले संवाददाता, सीतामढ़ी. हैलो, मैं जेल से शातिर अपराधी राकेश दास बोल रहा हूं. 10 लाख रुपये रंगदारी के रूप में मेरे घर मटियार कला पहुंचा देना. मुझे अपना एक बड़ा गिरोह बनाना है. इसके लिए रंगदारी देना होगा. प्रशासन को जानकारी दिये तो तुम्हें और तुम्हारे परिवार वाले को अपने आदमियों से हत्या करवा देंगे. जेल से यह धमकी सहियारा थाना क्षेत्र के मटियार कला निवासी शातिर अपराधी राकेश दास ने बथनाहा थाना क्षेत्र के महुआवा गांव निवासी सह चिमनी संचालक किशुन साह के पुत्र कमलेश कुमार को दी है. कमलेश ने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की है. थानाध्यक्ष संतोष शर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. कमलेश ने पुलिस को बताया है कि गांव में ही उसके पिता के नाम से लाइसेंसी चिमनी है. जिसकी देखरेख वह करता है. 5 जनवरी से 8 तक उसके मोबाइल नंबर-995531352 पर 7210077591, 9560652473 व 9967968108 से कॉल कर रंगदारी की मांग की जा रही है. टॉप टेन अपराधियों में शामिल रहा है राकेशमटियार कला निवासी राकेश दास का लंबा आपराधिक इतिहास है. राकेश पर जिले के सीमावर्ती सहियारा, कन्हौली, सोनबरसा व बथनाहा थाना समेत अन्य में अपहरण, डकैती, हत्या, राहजनी, बाइक लूट व आर्म्स-एक्ट के 39 मामला दर्ज है. वर्ष-2013 में वह ताबड़तोड़ आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर जिला पुलिस के टॉप टेन अपराधियों में शामिल हो गया था. सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि मार्च 2013 में रंगदारी नही मिलने पर वह मटियारकला पंचायत के मुखिया पति अशेश्वर महतो से रंगदारी नही मिलने पर उसके घर पर जाकर फायरिंग की थी. इस दौरान वहां पहुंचे तत्कालीन थानाध्यक्ष रतन यादव पर फायरिंग करते हुए वह फरार हो गया था. दिसंबर 2013 में थानाध्यक्ष श्री यादव ने जाल बिछा कर उसे आर्म्स के साथ गिरफ्तार किया था. उस वक्त उसका एक सहयोगी सुबोध पासवान भी पकड़ा गया था. सवालों के घेरे में रही है जेल प्रशासन की भूमिकाजेल से व्यवसायी व चिकित्सकों से रंगदारी मांगने का मामला नया नहीं है. वर्षों से जेल के अंदर से शातिर अपराधी मोबाइल के द्वारा अपना काला कारोबार चला रहे हैं. रंगदारी मिली तो ठीक, नहीं तो जेल के अंदर बंद रह कर भी अपने गुर्गों के माध्यम से वे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने से चूकते नहीं हैं. जेल से रंगदारी मांगने की घटना को लेकर जेल प्रशासन की भूमिका भी हमेशा सवालों के घेरे में रही है. समय-समय पर जिला पुलिस ने जेल में छापेमारी कर मोबाइल, सीम व चार्जर समेत कई आपत्तिजनक सामान भी बरामद किया है. मोबाइल छिपाने को मिलता हैं 20 मिनटजिला पुलिस भी यह मानती है कि जेल में शातिर अपराधियों के पास मोबाइल उपलब्ध है. समय-समय पर विधि-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए गोपनीय तरीके से छापेमारी करने के बाद भी जिला पुलिस को विशेष सफलता नहीं मिल पाती है. स्पष्ट उदाहरण है कि अभी हाल में एक सप्ताह पूर्व मंडलकारा में छापेमारी करने के दौरान पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा. जबकि जेल से रंगदारी का कॉल जाने की सूचना के बाद जिला पुलिस ने छापेमारी की थी. इसका कारण बताया जाता है कि छापेमारी के लिए पहुंचने पर जिला पुलिस को मुख्य द्वार से कैदियों के वार्ड तक पहुंचने में 25 से 30 मिनट तक का वक्त लगता है. इस बीच कैदियों के द्वारा मोबाइल व सीम समेत आपत्तिजनक सामानों को ठिकाना लगाने का पर्याप्त वक्त मिल जाता है. दबी जुबान से जिला पुलिस भी स्वीकार करती हैं जेल प्रशासन के कर्मियों की मिलीभगत के बिना कैदियों के पास मोबाइल व सीम का उपलब्ध होना नामुमकिन है. साहसी होते जा रहे व्यवसायी व चिकित्सकहाल के रंगदारी मांगने की घटनाओं पर गौर करे तो यह कहना गलत नहीं होगा कि समय के साथ शहर के व्यवसायी व चिकित्सक भी साहसी होते जा रहे है. यहीं कारण है कि वे अपराधियों को कुछ ले-देकर मामला निबटाने से बेहतर पुलिस को अपनी शिकायत दर्ज करा रहे है. इसका फायदा जिला पुलिस को भी मिल रहा है. खासतौर पर एसपी हरिप्रसाद एस की टीम ने साइलेंट ऑपरेशन के तहत रंगदारी मांगने वाले दर्जनों अपराधियों को पकड़ कर जेल की सलाखों की पीछे डाल कर लोगों का विश्वास जीता है.

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