खर्च कर दी 50-60 हजार, भुगतान का पता नहीं

खर्च कर दी 50-60 हजार, भुगतान का पता नहीं फोटो- 10 मवि बुधनगरा प्रशासन के दबाव व कार्रवाई के भय से प्रधान ने उठाया कदम बोखड़ा. प्रखंड के मध्य विद्यालय, बुधनगरा में 575 बच्चे नामांकित हैं. प्रतिदिन करीब 375 बच्चे स्कूल आते हैं. खास बात यह कि कक्षा आठ तक के बच्चों के बैठने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2016 6:58 PM

खर्च कर दी 50-60 हजार, भुगतान का पता नहीं फोटो- 10 मवि बुधनगरा प्रशासन के दबाव व कार्रवाई के भय से प्रधान ने उठाया कदम बोखड़ा. प्रखंड के मध्य विद्यालय, बुधनगरा में 575 बच्चे नामांकित हैं. प्रतिदिन करीब 375 बच्चे स्कूल आते हैं. खास बात यह कि कक्षा आठ तक के बच्चों के बैठने के लिए मात्र चार कमरा उपलब्ध है. यह सहज ही समझा जा सकता है कि मात्र चार कमरे में किस तरह आठ कक्षा के बच्चे पढ़ते होंगे. एक कमरे में दो कक्षा प्रधान शिक्षिका चंदेश्वरी कुमारी व शिक्षक सुनील कुमार बताते हैं कि कमरे की कमी है. एक ही कमरा में दो कक्षा का संचालन करना पड़ता है. कक्षा छह में 127 बच्चे हैं. बच्चों को बैठने में काफी परेशानी होती है. डेस्क-बेंच का काफी अभाव है. बच्चे फर्श पर बोरा बिछा कर बैठते हैं. प्रधान ने बताया कि गत वर्ष मात्र 20 डेस्क व बेंच का आवंटन मिला था. खरीद कर लिया गया है. तब पति ने कराया काम बताया गया कि पूर्व प्रधान शिक्षिका गारगिल को भवन निर्माण के लिए आवंटन मिला था. निर्माण कार्य के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई. तब प्रधान शिक्षिका रही गारगिल के पति द्वारा भवन के छत की ढलाई कराने के साथ ही खिड़की व किवाड़ लगायी गई थी. हालांकि चौकठ व किवाड़ कुछ ही समय चल पायेगा. प्रधान ने बताया कि गत विधानसभा चुनाव के दौरान विद्यालय कोष से स्कूल भवन की मरम्मत व रंगाई-पोताई कराने का निर्देश दिया गया था. विकास मद में कम पैसा था. प्रशासन के दबाव पर वह जेब से 50-60 हजार रुपये खर्च कर भवन का प्लास्टर व रंगाई-पोताई करायी थी. यह पैसा कब तक मिल पायेगा, का कोई अता-पता नहीं है. कमरे के अभाव में पूर्व में क्षतिग्रस्त हुए खपड़ैल कमरे की मरम्मत करा कर उसका उपयोग कार्यालय के रूप में किया जा रहा है.

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