एमडीएम के खाते में 10 माह में 35 लाख रुपये!

एमडीएम के खाते में 10 माह में 35 लाख रुपये! इंदरवा उर्दू उत्तरवारी टोल का मामला एक बार फिर चर्चा में आया परिहार सीतामढ़ी. प्राथमिक स्तर के किसी विद्यालय के एमडीएम के खाते में 10 माह में 35 लाख रुपये जिला से भेज दिया जाये तो यह कम चौंकाने वाली बात नहीं है. इससे भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2016 6:55 PM

एमडीएम के खाते में 10 माह में 35 लाख रुपये! इंदरवा उर्दू उत्तरवारी टोल का मामला एक बार फिर चर्चा में आया परिहार सीतामढ़ी. प्राथमिक स्तर के किसी विद्यालय के एमडीएम के खाते में 10 माह में 35 लाख रुपये जिला से भेज दिया जाये तो यह कम चौंकाने वाली बात नहीं है. इससे भी बड़ी बात तो यह कि स्कूल प्रबंधन द्वारा उक्त राशि की निकासी में कोई विलंब भी नहीं किया गया. वैसे यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि एमडीएम के खाते में आयी उक्त राशि किस मद की है. जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पायेगा. वह दिन दूर नहीं जब सब कुछ खुल कर सामने आ जायेगा. डीएम राजीव रौशन के आदेश पर परिहार प्रखंड के तमाम स्कूलों की जांच की जा रही है. उसी प्रखंड के इंदरवा उर्दू उत्तरवारी टोला का उक्त मामला है. दूसरे के नाम से चेक निर्गत सूत्रों ने बताया कि एमडीएम मद में प्राथमिक विद्यालयों को हर माह 20 से 40 हजार तो मध्य विद्यालयों को 80 से 90 हजार रुपये मिलता है, लेकिन जिला से प्राथमिक स्तर के इंदरवा उर्दू विद्यालय में 10 माह में 35 लाख रुपये भेज दिया गया. बता दें कि हर स्कूल में दो खाता होता है. एक विद्यालय शिक्षा समिति का, जिसमें हर तरह का पैसा आता है तो दूसरा खाता एमडीएम का होता है, जिसमें सिर्फ इसी मद की राशि आती है. इस लिहाज से उक्त स्कूल के एमडीएम के खाते में कैसे इतनी बड़ी रकम भेज दी गयी और उसकी निकासी भी कर ली गयी, यह शिक्षा विभाग के गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है. दूसरे प्रधान को दिया पैसा खास बात यह कि उक्त विद्यालय की प्रधान शिक्षिका नसीमा खातून द्वारा एमडीएम के खाते में आये पैसे में से दूसरे स्कूल के प्रधान शिक्षक को दे दिया गया. वह भी एकमुश्त छह लाख रुपये. खास बात यह कि उक्त 35 लाख रुपये की निकासी प्रधान शिक्षिका ने शिक्षकों से करायी. शिक्षकों को चेक दिया गया और चेक से निकासी की गयी. पैसा आते ही निकासी में कोई अधिक विलंब नहीं किया गया. विद्यालय शिक्षा समिति के सचिव के पुत्र हीरा द्वारा भी एमडीएम के खाते से राशि की निकासी की गयी है. वह भी एक बार नहीं, बल्कि पांच बार. इसको लेकर भी तरह-तरह की चर्चा की जा रही है. जांच पदाधिकारियों की रिपोर्ट पर डीएम के आदेश के बाद सब कुछ स्पष्ट होने की बात कही जा रही है. किस तिथि को कितना आवंटन सूत्रों ने बताया कि इंदरवा उर्दू विद्यालय के एमडीएम के खाते में दिसंबर-14 में 956398 रुपये आये और दो दिन बाद गुलाम मुस्तफा नामक व्यक्ति चेक से 775000 की निकासी की. इसी तरह पांच से 17 जनवरी 15 तक 543000 रुपये खाते में आये, जिसमें से 622000 की निकासी की गयी. इस पैसे की निकासी सहायक शिक्षक विनोद व शिक्षा समिति के सचिव के पुत्र हीरा ने की थी. इनके नाम से भी चेक दो से 24 फरवरी 15 तक एमडीएम के खाते में 23300 रुपये आये. उसमें से सहायक शिक्षक वरुण कुमार ने चेक से 26 हजार की निकासी की. चार से 20 मार्च तक 1.67 लाख रुपये आया, जिसमें से पाकीजा खातून व हीरा ने डेढ़ लाख की निकासी की. 10 अप्रैल को सचिव पुत्र ने एक बार फिर चेक से ही 32 हजार की निकासी की. पैसा आते हीं निकासी हर बार जब भी पैसा आया कि तुरंत निकासी कर ली गयी. पैसे की निकासी किस काम के लिए की गयी, का स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया है. पांच से 27 मई तक खाते में 35400 रुपये आया. एक बार फिर सचिव पुत्र हीरा ने ही चेक से 32 हजार की निकासी की. 22 से 24 जुलाइ तक एमडीएम के ही खाते में सबसे बड़ी रकम 12.70 लाख रुपये आया और उसमें से 7.59 लाख की निकासी की गयी. महज यह संयोग है कि उक्त राशि की निकासी भी हीरा ने ही की. एक से 28 अगस्त खाते में 405619 रुपये आया और 28 अगस्त को सहायक शिक्षक अब्दुल रहीम ने चेक के माध्यम से 395000 निकाला. दूसरे प्रधान को दिया छह लाख आठ से 11 सितंबर तक एमडीएम के ही खाते में जिला से 674000 रुपये आया. हद तो यह कि प्रधान शिक्षिका ने उक्त पैसे में से छह लाख रुपये रैनपुर टोल, रमनयका स्कूल के प्रधान शिक्षक उमैद आलम को दे दिया. श्री आलम ने चेक से छह लाख रुपये की निकासी की थी. बहरहाल, उक्त 35 लाख का पूरा माजरा क्या है, यह एक गंभीर विषय बन गया है. लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि एमडीएम के खाते में इतनी बड़ी रकम और वह भी कई बार में क्यों व कैसे भेज दी गयी? बात नहीं की प्रधान शिक्षिका प्रधान शिक्षिका नसीमा खातून के मोबाइल पर कॉल करने पर वह रिसीव कर ली और जैसे ही उक्त पैसे की बाबत जानकारी लेने की कोशिश की गयी तो फोन काट दिया. दबारा कॉल करने पर प्रधान के पुत्र ने रिसीव किया और बताया कि उक्त 35 लाख भवन मद की राशि है. स्कूल में एक ही खाता है, जिसमें सभी तरह की राशि आती है. एक सवाल पर कहा कि स्टेट बैंक की परिहार शाखा के प्रबंधक ने दूसरा खाता खोलने से इनकार कर दिया. इसी कारण एक हीं खाता है. यह पूछे जाने पर कि भवन मद का आवंटन एक बार हीं मिलता है, न कि बार-बार तो यह किस मद की राशि है? इस पर प्रधान शिक्षिका के पुत्र ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया.

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