सीडीपीओ बुरी फंसी, स्पष्टीकरण
सीडीपीओ बुरी फंसी, स्पष्टीकरण डुमरा. आंगनबाड़ी सेविका की बहाली में डीपीओ के आदेश को दरकिनार कर डुमरा ग्रामीण सीडीपीओ भावना कुमारी बुरी फंस गई हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम राजीव रौशन ने अगले आदेश तक सीडीपीओ के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया है और आरोपों की बाबत स्पष्टीकरण पूछा है. क्या […]
सीडीपीओ बुरी फंसी, स्पष्टीकरण डुमरा. आंगनबाड़ी सेविका की बहाली में डीपीओ के आदेश को दरकिनार कर डुमरा ग्रामीण सीडीपीओ भावना कुमारी बुरी फंस गई हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम राजीव रौशन ने अगले आदेश तक सीडीपीओ के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया है और आरोपों की बाबत स्पष्टीकरण पूछा है. क्या है मामला डुमरा प्रखंड की भूपभैरो पंचायत की पुनीता देवी डीएम के जनता दरबार में पहुंच शिकायत की, जिसके आलोक में सीडीपीओ के खिलाफ तत्काल उक्त कार्रवाई की गयी. पुनीता ने डीएम को बताया कि पंचायत के वार्ड नंबर 12 में केंद्र संख्या 114 पर सेविका की बहाली के लिए 12 फरवरी 15 को आमसभा का आयोजन कर बबली कुमारी का चयन किया गया और उसकी बहाली कर दी गयी, जबकि मेधा सूची में पुनीता का नाम क्रमांक संख्या एक पर था. डीपीओ के कोर्ट में वाद पुनीता ने आइसीडीएस के डीपीओ के कोर्ट में एक वाद दायर कर बताया है कि चयनित बबली का घर वार्ड नंबर 11 में है और उसके भैंसूर वार्ड नंबर 11 के वार्ड सदस्य हैं. डीपीओ ने 30 अक्तूबर 15 को चयनित सेविका बबली कुमारी को चयन मुक्त कर पूर्व में प्राप्त आवेदनों के आधार पर मेधा सूची तैयार करने एवं फिर बहाली करने का आदेश सीडीपीओ को दिया था. इसके लिए एक माह का समय दिया गया था. ढाई माह बित जाने के बाद भी नये सिरे से बहाली नहीं होने पर पुनीता डीएम के जनता दरबार में पहुंची थी.