तिल व गुड़ दान करने से सूर्य होते हैं सबल
तिल व गुड़ दान करने से सूर्य होते हैं सबल फोटो- 28 व 29 बाजार में तील व लाइ की सजी दुकानें सीतामढ़ी. 15 फरवरी को मकर संक्रांति को लेकर हर लोग खरीदारी पूरी कर चुके हैं. लोगों को इंतजार है उस सुबह की जब स्नान व पूजा के बाद सबसे पहले तील व उसके […]
तिल व गुड़ दान करने से सूर्य होते हैं सबल फोटो- 28 व 29 बाजार में तील व लाइ की सजी दुकानें सीतामढ़ी. 15 फरवरी को मकर संक्रांति को लेकर हर लोग खरीदारी पूरी कर चुके हैं. लोगों को इंतजार है उस सुबह की जब स्नान व पूजा के बाद सबसे पहले तील व उसके बाद चूड़ा-दही खाने की. शाम में खिचड़ी की भी तैयारी है. कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन तिल, उड़द, गुड़ व खिचड़ी आदि का सेवन करने एवं दान करने से सूर्य सबल होता है, जिससे मनुष्य को शांति मिलता है. इस वर्ष सूर्योदय के 12 मिनट 44 सेकेंड बाद सूर्य का मकर राशि में प्रवेश हो रहा है जो 12:47 बजे तक रहेगा. इस दौरान नदियों में स्नान करने व शनि देवता को प्रसन्न करने वाले वस्तुओं का सेवन व दान करने से मनुष्य के जीवन में शांति बनीं रहती है. शुभ कार्य के लिए उपयुक्त ज्योतिषाचार्य डॉ कालीकांत झा कहते हैं कि उत्तरायण में देवता के लिए दिन व राक्षस के लिए रात होता है. मकर संक्रांति को सूर्य का उत्तरायण यानी उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश होता है. इस लिए इस दिन से हर एक शुभ कार्य का प्रारंभ होता है जो छह माह तक यानी सावन तक कर्क राशि में प्रवेश तक चलता है. सावन के बाद शुभ कार्य वर्जित हो जाता है. मकर राशि शनि की राशि है. इस राशि में सूर्य एक माह तक भ्रमण करते हैं. इस लिहाज से मकर संक्रांति के दिन शनि के प्रिय वस्तु तिल, गुड़, उड़द का दाल, खिचड़ी, दही-चूड़ा का सेवन व दान करना श्रेयस्कर माना गया है. शनि, सूर्य के पुत्र हैं. पिता पुत्र का संबंध बहुत ही शत्रु पूर्ण है. इतना शत्रु पूर्ण कि जिस राशि में सूर्य ऊंच में होते हैं तो शनि नीच में होते हैं.