Loading election data...

”भगवान राम” पर नहीं चल सका मुकदमा, अधिवक्ता पर मानहानि का केस

सीतामढ़ी : अकारण मां जानकी को वनवास ले जाये जाने एवं सुनी सुनाई बात पर जानकी के चरित्र पर सवाल उठाने को लेकर भगवान श्रीराम के खिलाफ किये गये मुकदमे को सीजेएम रामिबहारी ने यह कहते हुए सोमवार को खारिज कर दिया कि यह मामला पूरी तरह तथ्यहीन व निराधार है. इस तरह भगवान राम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 2, 2016 11:57 AM

सीतामढ़ी : अकारण मां जानकी को वनवास ले जाये जाने एवं सुनी सुनाई बात पर जानकी के चरित्र पर सवाल उठाने को लेकर भगवान श्रीराम के खिलाफ किये गये मुकदमे को सीजेएम रामिबहारी ने यह कहते हुए सोमवार को खारिज कर दिया कि यह मामला पूरी तरह तथ्यहीन व निराधार है. इस तरह भगवान राम पर मुकदमा नहीं चल सका. इधर, मुकदमा करनेवाले अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह चौहान के खिलाफ स्थानीय कोटके अधिकतर अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर उन पर प्रहार करना शुरू कर दिया है. अधिवक्ताओं के एक बड़ेवर्ग का मानना है किश्री चौहान द्वारा किये गये तथ्यहीन मुकदमे से अधिवक्ता समाज की किरकिरी हुई है.श्री चौहान के लाइसेंस पर भी खतरे का बादल मंडराने लगा है.

अधिवक्ता पर कारवाई की मांग
सीजेएम के कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुकदमे को लेकर अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा. उनका कहना था कि भगवान राम ने मां सीता के साथ अच्छा नहीं किया था. इस दौरान कोर्ट ने चौहान से पूछा कि राम व सीता कौन थे. इसका जवाब देने के बाद कोर्ट की ओर से पूछा गया कि घटना की तिथि व समय बताएं. अधिवक्ता ने मुकदमे में लगाये गये तमाम आरोपों की पुष्टि के लिए धार्मिक ग्रंथों को आधार बताया. हालांकि वे कोर्ट को अपने तथ्यों से संतुष्ट नहीं करा पाये.

चंदन पर चले केस
सुनवाई के दौरान सीजेएम का कोर्ट अधिवक्ता व अन्य लोगों से खचाखच भरा था. एक साथ करीब 50 अधिवक्ताओं नेश्री चौहान की दलील का विरोध किया. साथ ही कोर्ट से मांग की कि तथ्यहीन मुकदमा करनेवाले अधिवक्ता के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाया जाये. अधिवक्ताअों का कहना था कि हिंदू धर्म माननेवाले लोगों की भावना को आहत पहुंचानेवालेश्री चौहान पर आर्थिक दंड लगाया जाये. सबों की बातों को सुनने के बाद सीजेएम राम बिहारी ने भी उक्त अधिवक्ताके प्रति नाराजगी व्यक्त की.

पहुंचे थे बजरंग दल के भी लोग
मुकदमा दायर करने के दिन ही जिला ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मामला चर्चित हो गया था और सबों को यह मालूम हो गया था कि सोमवार को सुनवाई होने वाली है. इसे लेकर सुबह से ही बजरंग दल व अन्य हिंदू संगठनों के नेता व कार्यकर्ताकोर्ट में जुटने लगे थे. सभी अधिवक्ताश्री चौहान के प्रतिआक्रोशित थे. यह आक्रोश तब और स्पष्ट हो गया, जब हिंदू संगठनों की ओर से अधिवक्ता चौहानके खिलाफ अलग-अलग तीन मुकदमा किये गये.

चर्चा का विषय रहा मुकदमा
मेजरगंज प्रखंड के डुमरी कला निवासी सह अधिवक्ता चौहान ने भगवान राम के खिलाफ तथ्यहीन आरोप लगा
कर शनिवार को सीजेएम के कोर्ट में मुकदमा किया था. उसी दिन मामले की सुनवाई की तिथि एक फरवरी तय
की गयी थी. इसके साथ ही इस मामले को लेकर चर्चा का बाजार गरम हो गया. हालांकि कोर्ट द्वारा मामले
को सिरे से खारिज किये जाने के साथ ही मुकदमे पर चर्चा पर विराम लग गया.

चंदन पर मानहानि का मुकदमा
बजरंग दल के जिला संयोजक सह अधिवक्ता मोरसंड गांव निवासी रंजन सिंह, डुमरा थाना क्षेत्र के परोहा गांव निवासी राकेश कुमार सिंह व नगर थाना क्षेेत्र के श्रीनगर निवासी रवींद्र कुमार कर्ण ने अधिवक्ताश्री चौहान के खिलाफ उसी कोर्ट में मुकदमा किया है, जिस कोर्ट में भगवान राम के खिलाफ मुकदमा किया गया था. तीनों मुकदमे में करीब-करीब एक समान बातें कही गयी हैं. श्री चौहान पर भगवान राम के खिलाफ मुकदमा कर हिंदू धर्मावलंबियों की भावना को आहत करने का आरोप लगाया गया है

Next Article

Exit mobile version