भ्रष्टाचार पर रोक को निगरानी दल का गठन

डीडीसी ए रहमान बनाये गये संयोजक सीतामढ़ी : भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के साथ ही इसके समूल नाश के उद्देश्य से राज्य सरकार सुशासन कार्यक्रम के तहत ‘जीरो टोलरेंस’ की नीति अपना रखी है. धरातल पर उक्त नीति को लागू करने के लिए जिला में एक बार फिर से निगरानी दल का गठन किया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2016 6:28 AM

डीडीसी ए रहमान बनाये गये संयोजक

सीतामढ़ी : भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के साथ ही इसके समूल नाश के उद्देश्य से राज्य सरकार सुशासन कार्यक्रम के तहत ‘जीरो टोलरेंस’ की नीति अपना रखी है. धरातल पर उक्त नीति को लागू करने के लिए जिला में एक बार फिर से निगरानी दल का गठन किया गया है. यह दल सूचना मिलने पर संबंधित स्थानों पर छापामारी करेगी.
शिकायत की जांच करेगा दल:
बता दें कि वर्ष 2007 में हीं भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टोलेरेंस की नीति अपनायी गयी थी. निगरानी विभाग व मुख्य सचिव के पत्रों के आलोक में पहली बार 10 नवंबर 14 को जिला स्तर पर निगरानी दल का गठन किया गया था. इस दल को निर्देश दिया गया था कि क्षेत्रीय कार्यालयों के अलावा पंचायत व गांव स्तर तक ट्रैप केसेड भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम 1988 की धारा सात, आठ व नौ के अंतर्गत एवं भ्रष्टाचार की अन्य शिकायतों की जांच व निष्पादन करेंगे. ताकि भ्रष्टाचार पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाया जा सके.
जनता में विश्वास पैदा हो: इस कार्रवाई के पीछे सरकार व जिला प्रशासन की मंशा थी कि आम जनमानस में भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रशासन की कार्रवाई की अनुभूति हो और उनमें सरकार व प्रशासन के प्रति विश्वास पैदा हो. दल को मासिक प्रतिवेदन उच्चाधिकारियों को भेजने का निर्देश दिया गया है. एक अक्तूबर 15 को तत्कालीन एडीएम डीएन मंडल निगरानी दल के संयोजक बनाये गये थे. उनके स्थानांतरण के बाद डीएम राजीव रौशन द्वारा अब डीडीसी ए रहमान को संयोजक बनाया गया है.
एसपी नामित करेंगे अधिकारी : डीएम ने एसपी को पत्र भेज जिला स्तरीय उड़नदस्ता दल के लिए पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पुलिस पदाधिकारी को सदस्य के रूप में नामित करने का आग्रह किया है. बता दें कि पूर्व में उक्त दल में सदर डीएसपी शामिल किये गये थे.

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