तीन डॉक्टरों पर प्राथमिकी का आदेश

सीतामढ़ी : शहर व डुमरा के फर्जी व अवैध चिकित्सकों की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है. मामूली कार्रवाई होते ही एक चिकित्सक तो क्लिनिक बंद कर फरार हो गये है, जबकि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होना बाकी है. इस बीच, सदर एसडीओ संजय कृष्ण की जांच रिपोर्ट व अनुशंसा के आलोक में सिविल सर्जन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2016 2:51 AM

सीतामढ़ी : शहर व डुमरा के फर्जी व अवैध चिकित्सकों की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है. मामूली कार्रवाई होते ही एक चिकित्सक तो क्लिनिक बंद कर फरार हो गये है, जबकि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होना बाकी है.

इस बीच, सदर एसडीओ संजय कृष्ण की जांच रिपोर्ट व अनुशंसा के आलोक में सिविल सर्जन डा. राजेन्द्र दास ने तीन अधिकारियों को तीन चिकित्सकों के खिलाफ स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है. जिन अधिकारियों को उक्त आदेश मिला है, उनमें एक डुमरा पीएचसी प्रभारी डा कामेश्वर गुप्ता भी शामिल है. इसकी पुष्टि आधिकारिक सूत्रों ने की है.
कुछ के खिलाफ फंसा हैं पेंच :सूत्रों ने बताया कि कई चिकित्सकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जानी है. हालांकि एक-दो चिकित्सकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के मामले में पेंच फंस गया है. सिविल सर्जन की कोशिश है कि पेंच का निदान कर ही आगे की कोई कार्रवाई की जाये. बता दे कि जिला के प्रभारी मंत्री डा अशोक चौधरी के आदेश के आलोक में चिकित्सकों के शैक्षणिक व अन्य प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है.
इन पर होनी है प्राथमिकी :सीएस डा दास ने शहर स्थित धात्री चाइल्ड केयर नामक नर्सिंग होम के संचालक डा निशांत शेखर, अनीमा क्लिनिक के संचालक डा एके मंडल एवं क्वीन्स लैंड हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टिच्यूट के संचालक डा नीलमणी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया गया है. बता दे कि डा शेखर की एमबीबीएस की डिग्री नेपाल की है. उन पर बगैर एमसीआई की स्क्रिनिंग परीक्षा पास किये नर्सिंग होम के संचालन का आरोप है.
क्या है पूरा मामला :इधर, अनीमा क्लिनिक के संचालक डा मंडल कलकता से बीएएमएस की डिग्री हासिल किये हुए है. उनकी उक्त डिग्री को बिहार में मान्यता प्राप्त नहीं है. उनके पास सीसीआईएम का निबंधन प्रमाण-पत्र भी नहीं है. क्लिनिक का निबंधन प्रमाण-पत्र समेत अन्य कई तरह के प्रमाण-पत्र नहीं होने के चलते उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया गया है. इधर, डा नीलमणी पर अपने हमनाम दूसरे नीलमणी नामक चिकित्सक के नाम पर अवैध रूप से क्लिनिक के संचालन का आरोप है. बता दे कि इस मामले में उनकी पत्नी डा नीलम रानी भी बूरी तरह फंस गयी है. डा नीलमणी के साथ उनकी पत्नी के खिलाफ भी प्राथमिकी होनी है.
लोक अभियोजक से मार्गदर्शन :उधर, चिकित्सक डा बीके लाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की बाबत सीएस डा दास ने लोक अभियोजक अरुण कुमार सिंह से मार्गदर्शन मांगा है. सीएस ने पीपी श्री सिंह को बताया है कि डा लाल के यहां हुई छापेमारी के बाद उनके खिलाफ औषधि निरीक्षक द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. बाद में सदर एसडीओ द्वारा पत्र भेज डा लाल के अलावा उनकी पत्नी सुधा लाल व पुत्री डा मीनाक्षी के खिलाफ प्राथमिकी कराने को कहा गया है. एक प्राथमिकी के बाद अब सदर एसडीओ के पत्र के आलोक में किस तरह की कार्रवाई संभव है.

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