236 कातिबों का लाइसेंस हो सकता है रद्द

मॉडल डीड के आधार पर हो रहा निबंधन एक-दो दिन के अंदर कातिबों पर कार्रवाई तय डुमरा : वित्तीय वर्ष की समाप्ति के दौरान दो दिवसीय हड़ताल पर रहे जिले के 236 कातिबों पर कार्रवाई की तलवार अब तक लटकी हुई है. वैसे भी प्रशासनिक कार्रवाई की मार से उनका बच पाना मुश्किल दिख रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2016 6:55 AM

मॉडल डीड के आधार पर हो रहा निबंधन

एक-दो दिन के अंदर कातिबों पर कार्रवाई तय
डुमरा : वित्तीय वर्ष की समाप्ति के दौरान दो दिवसीय हड़ताल पर रहे जिले के 236 कातिबों पर कार्रवाई की तलवार अब तक लटकी हुई है. वैसे भी प्रशासनिक कार्रवाई की मार से उनका बच पाना मुश्किल दिख रहा है. सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो एक-दो दिन के अंदर 236 कातिबों का लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा.
कातिब कार्य से अलग : दो दिन की हड़ताल के बाद कातिबों द्वारा निबंधन कार्यालयों में योगदान कर निबंधन से संबंधित कार्य करने की कोशिश की गयी, पर विभागीय अधिकारी उन्हें योगदान स्वीकार नहीं कर रहे हैं. फलत: जिले के तमाम कातिब बैठे हुए हैं. वे कोई काम नहीं कर पा रहे हैं.
निबंधन कार्यालयों के आसपास बैठ कर पूरे दिन भर का समय बिता कर घर लौट जा रहे हैं.
प्रधान सचिव का कड़ा आदेश : विभागीय प्रधान सचिव केके पाठक के स्तर से जारी कड़े आदेश से अधिकारी बंध चुके हैं. वे अपने स्तर से दस्तावेज नबीसों की कोई मदद नहीं कर सकते हैं. बीच का रास्ता भी सरकार के स्तर से हीं निकल पाना संभव है. हालांकि प्रधान सचिव श्री पाठक के स्तर से कोई नया पत्र जारी नहीं किया गया है.
एक अप्रैल को उनके जारी पत्र के आलोक में हड़ताल पर रहे दस्तावेज नबीसों से गत दिन स्पष्टीकरण पूछा गया था. दूसरी बार भी स्पष्टीकरण पूछा गया. सूत्रों ने बताया कि स्पष्टीकरण पूछाना तो महज कागजी खानापूर्ति है. श्री पाठक के आदेश पर 236 दस्तावेज नबीसों के लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
हड़ताल के चलते करोड़ों रुपये राजस्व की हुई क्षति को सरकार बरदाश्त करने के मूड में नहीं है. प्रधान सचिव द्वारा उक्त क्षति के लिए दस्तावेज नबीसों को जिम्मेदार मान उनके लाइसेंस को रद्द करने का आदेश दिया गया है. हड़ताल के बाद भले हीं दस्तावेेज नबीस खामोश हैं, पर उन्हें कार्रवाई का भय सता रहा है.

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