अचानक सड़क पर आ गये 236 कातिब
अचानक सड़क पर आ गये 236 कातिब (पेज तीन के लिए) फोटो-4 कातिब संघ के अध्यक्ष के साथ सदस्य — प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर हड़ताल करना पड़ा महंगा– कातिब संघ को हाई कोर्ट से न्याय की उम्मीद डुमरा . जिले के विभिन्न निबंधन कार्यालयों से जुड़े 234 दस्तावेज नबीस लाइसेंस रद्द होने से अचानक […]
अचानक सड़क पर आ गये 236 कातिब (पेज तीन के लिए) फोटो-4 कातिब संघ के अध्यक्ष के साथ सदस्य — प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर हड़ताल करना पड़ा महंगा– कातिब संघ को हाई कोर्ट से न्याय की उम्मीद डुमरा . जिले के विभिन्न निबंधन कार्यालयों से जुड़े 234 दस्तावेज नबीस लाइसेंस रद्द होने से अचानक सड़क पर आ गये हैं. अब वे पूरी तरह बेरोजगार हो गये हैं. अपनी पूरी जवानी कातिब के काम में लगा देने वाले लोगों पर मानों पहाड़ टूट पड़ा है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि इस अधेड़ उम्र में अब करें तो क्या करें. हालांकि दस्तावेज नबीसों को हाई कोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद है. संघ के अध्यक्ष श्रीनंदन प्रसाद कहते हैं कि सरकार के स्तर से दस्तावेज नबीसों का लाइसेंस पुनर्जीवित नहीं किया गया तो हाई कोर्ट की शरण में जायेंगे. ऑन लाइन काम का विरोध बता दें कि विभाग ने एक अप्रैल से निबंधन का काम ऑन लाइन करने का निर्णय लिया था. इसी के विरोध में कातिबों द्वारा दो दिन का कलमबंद हड़ताल किया गया था. उनकी मांगों में कातिबों के लिए शेड का निर्माण कराने, कल्याण कोष का गठन करने, 10-20 वर्षों से राइटर का काम कर रहे युवाओं को बिना शर्त लाइसेंस निर्गत करने आदि शामिल था. प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर जिले के कातिब हड़ताल किये थे. अध्यक्ष श्री प्रसाद कहते हैं कि 17 मार्च 16 को ही विभाग को हड़ताल की बाबत सूचना दे दी गयी थी. बावजूद विभाग द्वारा लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी कर दिया गया. शीघ्र अपील में जायेंगे कातिब तीन-चार दिनों तक मंथन के बाद डीएम सह जिला निबंधक राजीव रौशन ने 236 का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इससे संबंधित आदेश में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि बिहार दस्तावेज लेखन अनुज्ञप्ति नियमावली 1996 के तहत उक्त कार्रवाई की गयी है. आदेश में लिखा गया है कि इस कार्रवाई के खिलाफ पत्र निर्गत होने की तिथि से 30 दिनों के अंदर कातिब निबंधन महानिरीक्षक के यहां अपील वाद दायर कर सकते हैं. सदर अनुमंडल के कातिब सदर अनुमंडल क्षेत्र के जिन 80 दस्तावेज नबीसों का लाइसेंस रद्द किया गया है, उनमें क्रमश: वीरेंद्र कुमार, नंदकिशोर, शिवशंकर राय, विनोद कुमार, मटुक प्रसाद सिंह, रमाशीष सिंह, सियाराम महतो, श्यामचंद्र प्रसाद सिंह, नंदन प्रसाद, मो शगीर अहमद, परमानंद प्रसाद, रमाशीष महतो, शाकिर हुसैन, विपीन कुमार सिन्हा, राजदेव राय, भोला पूर्वे, जगन्नाथ ठाकुर, महमूद आलम, बैद्यनाथ प्रसाद, बैद्यनाथ महाराज, पवन कुमार सिंह, रंजन कुमार श्रीवास्तव, बिंदेश्वर प्रसाद सिंह, शत्रुघ्न कुमार, राधेश्याम निराला, एकराम, रामचंद्र पाल, रामनरेश राय, अंजनी कुमार, गुंजेश्वर प्रसाद, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, कालीकांत झा, भिखारी गुप्ता, जगदीश महाराज, चंद्रदेव प्रसाद, मोहन कुमार, शिवनाथ महाराज, धैर्यनाथ झा, रामाशंकर महाराज, नवलकिशोर, भिखारी सिंह, प्रेमचंद्र गुप्ता, दाऊद अंसारी, वीरेंद्र कुमार सिंह, अजय कुमार, राजीव रंजन चौधरी, सचिंद्र प्रसाद वर्मा, लक्ष्मण महतो, रामश्रृंगार सिंह, वीरेंद्र प्रसाद, शशिरंजन पंजियार, रामसुरेश राय, मेराज खां, इम्तेयाज, अर्जुन कुमार झा, रामदिनेश ठाकुर, राजगीर ठाकुर, चंदन कुमार वर्मा, रितेश कुमार वर्मा, आमोद कुमार, जयमंगल कुमार, मनोज कुमार साह, ललन कुमार, महेंद्र पूर्वे, संदीप कुमार, मोहन मिश्र, सुरेश प्रसाद यादव, राम सुरेश कुमार, कमलेश कुमार, भागीरथ कुमार, रूपेश रंजन पंजियार, किशोरी प्रसाद पूर्वे, उमेश चंद्र द्विवेदी, कुमार रामपुकार, सत्यनारायण राम, काशीनाथ द्विवेदी, विनोद कुमार ठाकुर, नंदलाल सहनी व अमोद कुमार चंदन आदि शामिल हैं. कहां, कितने कातिब बता दें कि जिले के निबंधन कार्यालयों में 89 पुराने व 147 प्रशिक्षु कातिब है, इनमें सीतामढ़ी निबंधन कार्यालय से जुड़े 81, परिहार के 28, पुपरी के 48, बेलसंड के 28, भुतही के 31 व ढ़ेंग के 20 कातिब शामिल हैं. बता दें कि ऑन लाइन निबंधन का काम शुरू किये जाने की योजना के विरोध में दस्तावेज नबीसों ने दो दिन का हड़ताल किया था.