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मनरेगा मजदूरों का 16.07 करोड़ मजदूरी बकाया

मनरेगा मजदूरों का 16.07 करोड़ मजदूरी बकाया (पेज तीन का लीड)फोटो- 45 डुमरा : कल तक बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों से मजदूर कमाने के लिए पंजाब व अन्य जगहों के लिए पलायन कर जाते थे. इनका पलायन रोकने व गांव में हीं रोजगार मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना शुरू किया […]

मनरेगा मजदूरों का 16.07 करोड़ मजदूरी बकाया (पेज तीन का लीड)फोटो- 45 डुमरा : कल तक बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों से मजदूर कमाने के लिए पंजाब व अन्य जगहों के लिए पलायन कर जाते थे. इनका पलायन रोकने व गांव में हीं रोजगार मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना शुरू किया था. विभिन्न कारणों से यह योजना एक मजाक बन कर रह गया है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गत वर्ष की 90 फीसदी से अधिक योजनाएं अपूर्ण है तो मजदूरों की मजदूरी करोड़ों में बकाया है. — नहीं मिलता है काम कहने के लिए तो मनरेगा से संबंधित तमाम कार्य मजदूरों से हीं कराना है, लेकिन जिले के संबंधित अभियंताओं व कर्मियों की मिलीभगत से मजदूरों के बजाय ट्रैक्टर व जेसीबी की मदद से मिट्टी भराई व अन्य काम कराया जाता है. ऐसा अधिकांश योजनाओं में होता है. इसे ले बीच-बीच में मनरेगा मजदूर सड़क जाम व हंगामा भी करते रहे हैं. हाल के महीनों में बथनाहा प्रखंड के कुछ मजदूरों ने सड़क जाम किया था. — प्रखंडवार बकाया मजदूरी एक रिपोर्ट के अनुसार जिले के मनरेगा मजदूरों की मजदूरी का 16 करोड़ सात लाख 48 हजार रुपया बकाया है. इनमें बैरगनिया प्रखंड के मजदूरों का 70.66 लाख बकाया है. इसी तरह बाजपट्टी का 95.25 लाख, बथनाहा का 191.05 लाख, बेलसंड का 71.99 लाख, बोखड़ा का 20.34 लाख, चोरौत का 53.11 लाख, डुमरा का 126.63 लाख, मेजरगंज का 35.26 लाख, नानपुर का 61.87 लाख, परिहार का 152.4 लाख, परसौनी को 38.06 लाख, पुपरी का 95.15 लाख, रीगा का 127.93 लाख, रून्नीसैदपुर का 227.06 लाख, सोनबरसा का 132.42 लाख, सुप्पी का 39.2 लाख व सुरसंड प्रखंड के मजदूरों का 66.56 लाख बकाया है. — मात्र 2.90 फीसदी कार्य पूर्ण बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में जितनी योजनाएं ली गयी थी, उस अनुरूप आवंटन नहीं मिला. हाल यह है कि उस वर्ष की मात्र 2.90 फीसदी योजनाएं पूर्ण हो सकी है. कई प्रखंडों में कुछ योजनाएं पूरी कर ली गयी है तो चोरौत, मेजरगंज, नानपुर, परसौनी व सुप्पी पांच ऐसा प्रखंड है, जहां एक भी योजना पूर्ण नहीं है. — डीडीसी ने पीओ को माना दोषी मजदूरी के भुगतान में विलंब के लिए डीडीसी ए रहमान ने सभी पीओ को दोषी बताया है. पत्र भेज कहा है कि मजदूरी का भुगतान करने में परहेज करना मनरेगा के प्रावधानों के बिल्कुल विपरीत है. सभी पीओ को भेजे पत्र में अपूर्ण योजनाओं को पूर्ण नहीं कराने वालों का अनुबंध रद्द करने की चेतावनी दी गयी है.

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