आंसू लिये कराहता रहा बदरी प्रसाद
सीतामढ़ी : हर दिल के चहेते बदरी प्रसाद के आंखों में आज दर्द का आंसू था. वह दर्द जिसकी वह इनसानों की बस्ती में राह चलते अक्सर डर-डर कर कल्पना किया होगा. जी हां हम उस बदरी प्रसाद की चर्चा कर रहे हैं, जो सोमवार को इनसानी लापरवाही का शिकार हुआ. जीप के टक्कर से […]
सीतामढ़ी : हर दिल के चहेते बदरी प्रसाद के आंखों में आज दर्द का आंसू था. वह दर्द जिसकी वह इनसानों की बस्ती में राह चलते अक्सर डर-डर कर कल्पना किया होगा. जी हां हम उस बदरी प्रसाद की चर्चा कर रहे हैं, जो सोमवार को इनसानी लापरवाही का शिकार हुआ.
जीप के टक्कर से बुरी तरह घायल हाथी को उसके मालिक व चहेते बदरी प्रसाद कह कर बुलाते हैं. हाथी का देखभाल करने वाले डुमरा प्रखंड के बेरबास पंचायत के मुखिया गणेश प्रसाद साह आज अपने चहेते को इस कदर तड़पते देख खुद को विचलित महसूस कर रहे हैं.
नगर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज के इस हाथी की देखभाल वह पिछले कई वर्षों से कर रहे हैं. उनके दरवाजे की शोभा है बदरी प्रसाद. महावत रामचंद्र पासवान कहते हैं कि हाथी अपने साइड चल रहा था. जीप चालक अनियंत्रित होकर ड्राइव कर रहा था, जिससे उक्त दुर्घटना हुई है.
बताया कि ठोकर लगने के बाद हाथी पलटी खाते रोड से तीन फीट नीचे गड्ढे में जा गिरा. हाथी का देखभाल करनेवाले श्री साह ने बताया कि दांत के भाग में जख्म है. पांव से मुश्किल से खड़ा हो पा रहा है.
पिता को था हाथी पालने का शौक
बदरी प्रसाद के किस्से भी बड़ा रोचक है. उसके मालिक डॉ मनोज के पिता को हाथी पालने का शौक था. जमींदार परिवार से संबद्ध डॉ मनोज के पिता ने बदरी प्रसाद को पाल रखे थे. उन्होंने अपने चिकित्सक पुत्र से खास तौर पर बदरी प्रसाद की देखभाल करने के लिए कहा था.
डॉ मनोज भी बदरी प्रसाद की देखरेख करने लगे. चिकित्सकीय कार्य में व्यस्तता के कारण सेवा में कोई कमी न रह जाये, सो उन्होंने बेरबास के मुखिया गणेश साह को यह जिम्मेवारी सौंप दी, तबसे गणेश साह हीं बदरी प्रसाद की देखभाल करते हैं.
मालिक से बिस्कुट खाना नहीं भुलता
कहते हैं कि जानवर हीं इनसान के प्रति सबसे अधिक वफादार माना जाता है. बदरी प्रसाद इसकी वानगी है. वह जब कभी डुमरा रोड से गुजरता, पानी पीने के बाद मालिक के हाथ से बिस्कुट खाना नहीं भुलता है. बेरबास गांव के लोग बदरी प्रसाद के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं.