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गला दबा कर हुई मंजित की हत्या

सीतामढ़ी : सीतामढ़ी-डुमरा रोड स्थित देव छात्रावास में सेक्रेड हर्ट के छात्र मंजित ने फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या नही की थी. हत्यारों ने गला दबा कर मंजित की हत्या की थी. यह खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ है. खास बात यह भी है कि मंजित की हत्या के बाद उसे आत्महत्या का रूप […]

सीतामढ़ी : सीतामढ़ी-डुमरा रोड स्थित देव छात्रावास में सेक्रेड हर्ट के छात्र मंजित ने फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या नही की थी. हत्यारों ने गला दबा कर मंजित की हत्या की थी. यह खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ है.

खास बात यह भी है कि मंजित की हत्या के बाद उसे आत्महत्या का रूप दे रहे हत्यारों की मंशा उस वक्त समाप्त हो गया, जब एसपी हरि प्रसाद एस ने इसे संदेहास्पद बताते हुए मेहसौल ओपी को एफएसएल टीम से जांच कराने की बात कही थी. गत 8 अप्रैल को मंजित की हत्या के बाद अगले दिन शनिवार को जांच के लिए पहुंची एफएसएल टीम ने बारीकी से जांच-पड़ताल के बाद हत्या का संकेत दे दिया था.

नहीं टूटी थी मंजित के गरदन की हड्डी
हालांकि घटना के 7 दिन बाद भी मंजित की हत्या के कारणों का सस्पेंस बरकरार है. हत्या के कारणों को लेकर तरह-तरह के चर्चाओं का बाजार गरम है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि मंजित की मौत गला दबाने से हुई हैं. कारण बताया गया है कि फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या करने से गरदन की एक हड्डी टूट जाती है, जो मंजित के गले की नही टूटी हुई थी.
मंजित के दोस्तों से हो रही पूछताछ
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने अनुसंधान तेज कर दिया है. पुलिस सूत्रों पर भरोसा करे तो मंजित के मौत के कारणों का खुलासा करने के लिए पुलिस मंजित के मोबाइल के कॉल डिटेल को खंगाल रही है.
मंजित के दोस्तों से भी पूछताछ कर रही है. सेक्रेड हर्ट स्कूल में जाकर पूछताछ करने के क्रम में यह बात भी सामने आयी है कि मंजित पढ़ने में तेज तर्रार था. उसे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त होते थे.
सेक्रेड हर्ट का था छात्र, पोस्टमार्टम िरपोर्ट में हुआ खुलासा
क्या है मामला
आठ अप्रैल को 14 वर्षीय छात्र मंजित कुमार का शव देव छात्रावास से मेहसौल ओपी पुलिस ने बरामद किया था.
मंजित की पहचान जिले के बथनाहा थाना अंतर्गत सोनवा गांव निवासी लक्ष्मण महतो के पुत्र मंजित कुमार के रूप में की गयी. जो सेक्रेड हर्ट में 7 वीं कक्षा का छात्र था. पुलिस ने शव को बिछावन पर पाया था.
जबकि संचालक गिरीश पाठक ने पुलिस को बताया कि वह किसी काम से बाहर गये थे. दोपहर 2 बजे के करीब लौटे तो देखा कि मंजित का शव पंखा से झूल रहा है. उसका गरदन गमछा से लिपटा हुआ है. उसी ने शव का पंखा से उतार कर बिछावन पर लिटा दिया है. यह तथ्य सामने आने के बाद पुलिस को मंजित की मौत संदेहास्पद लगने लगी थी.
शक का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी था कि पंखा तक पहुंचने के लिए कमरा में किसी तरह का टेबल या कुरसी समेत अन्य कोई ऊंची वस्तु नही पायी गयी थी. मंजित के पिता ने भी अपने बयान में गिरीश पाठक की भूमिका संदेहास्पद बताते हुए अपने पुत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी.

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