चार माह में 350 मरीज हुए भर्ती
मरीज बेहाल. जिले के सदर अस्पताल में एएसवी नहीं, कहां जायें पीड़ित गरमी के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं . अस्पताल में सर्पदंश की सूई नहीं रहने से गरीब परिवारों को काफी िदक्कत होती है. पैसे के अभाव में समय से मरीज का इलाज नहीं हो पाता है और […]
मरीज बेहाल. जिले के सदर अस्पताल में एएसवी नहीं, कहां जायें पीड़ित
गरमी के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं . अस्पताल में सर्पदंश की सूई नहीं रहने से गरीब परिवारों को काफी िदक्कत होती है. पैसे के अभाव में समय से मरीज का इलाज नहीं हो पाता है और वे मौत के मुंह में चले जाते हैं.
सीतामढ़ी : उमस भरी गरमी के बीच जिले भर में सर्पदंश की घटनाएं लगातार बढ़ रही है़ प्रतिदिन सदर अस्पताल में सर्पदंश से आक्रांत कई मरीजों को भरती कराया जाता है, परंतु दवा के अभाव में पीड़ितों को रेफर कर दिया जाता है़ सदर अस्पताल में एएसवी यानी सर्पदंश की सूई उपलब्ध नहीं है़ खास बात यह कि जिले के 18 पीएचसी से भी रोजाना सर्पदंश पीड़तों को सूई के अभाव में सदर अस्पताल के लिए रेफर किया जाता है़
सरकारी अस्पताल जाने के अलावा कोई चारा नहीं: गरीब मरीजों के लिए सरकारी अस्पताल में भरती होने के सिवा कोई और चारा नहीं होता है़ बावजूद विभाग द्वारा सर्पदंश की दवा खरीद करने में भारी लापरवाही बरती जा रही है़ दिक्कत ऐसे परिवारों के लिए है, जो पैसे के अभाव में निजी चिकित्सकों से इलाज करा पाने में सक्षम नहीं है़ अभी मई चल रहा है़ जून आना अभी बांकी है़ जून की गरमी व बारिस के बाद सर्पदंश की घटनाओं में काफी इजाफा हो जाता है़ जून माह में भी यदि एएसवी की सूई की कमी रही, तो जिले के गरीब मरीजों के समक्ष क्या स्थिति क्या होगी, समझा जा सकता है़
सदर अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष जनवरी से अब तक करीब 350 सर्पदंश पीड़ितों को इलाज के लिए भरती कराया गया, जिसमें से 10 पीड़ितों को एएसवी की सूई लगायी गयी़ हालांकि इनमें से केवल दो की मौत हुई़ केवल अप्रैल व मई की बात करें, तो अप्रैल माह में कुल 134 सर्पदंश से पीड़ित मरीजों को इलाज के लिए भरती कराया गया़ वहीं मई में अब तक यह आंकड़ा 80 को पार कर गया है़
जून माह में सर्पदंश की घटना में इजाफा हो जाता है, जब ऊमस भरी गर्मी व तेज बारिश आती है़
बाजार में एएसवी की कीमत करीब 600 रुपये : पिछले सीजन में भी सदर अस्पताल में एएसवी की सूई उपलब्ध नहीं था़ पीड़ितों को ऊंची कीमत चुका कर बाहर से दवा लाना पड़ता था़ सदर अस्पताल के बाहर निजी दवा दुकानदारों की मानें, तो पिछले वर्ष सर्पदंश से पीड़ित मरीजों के परिजनों को करीब 12 सौ रुपया चुकाना पड़ता था़ हालांकि अब इसकी कीमत घट कर करीब 600 रुपया हो गया है़
गरमी में सर्पदंश की बढ़ती हैं घटनाएं
सदर अस्पताल में चिपकाया गया नोटिस.फोटोÀ प्रभात खबर
दवा के अभाव में रेफर करना मजबूरी: चिकित्सकों की मानें, तो एएसवी की दवा उपलब्ध नहीं होने के कारण पीड़ितों को रेफर करना मजबूरी बन जाता है़ गुरूवार की सुबह सर्पदंश के दो मरीजों को भरती कराया गया़ दवा के अभाव में दोनों को रेफर कर दिया गया़ इनमें सुरसंड थाना क्षेत्र के मकुनहिया गांव निवासी राधेश्याम साफी व पुपरी थाना क्षेत्र के बरगछिया गांव निवासी मो हमीद के पुत्र मो दहाउर का नाम शामिल है़
उपाधीक्षक का है कहना
इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ पीपी लोहिया ने बताया कि एएसवी की सूई की कमी हो गयी है़ सीएस को पांच हजार व्हायल एएसवी सूई के लिए लिखा गया है़ बाजार में एएसवी उपलब्ध नहीं होने के कारण दवा की खरीद नहीं हो पा रहा है़