बिहार : 20 लाख रंगदारी नहीं देने पर सीतामढ़ी में मुंशी की गोली मार हत्या
सीतामढ़ी : मेजरगंज थाना क्षेत्र के डुमरी गांव स्थित कुंडवा घाट के पास सोमवार की सुबह बाइक पर सवार अपराधियों ने कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुंशी को गोलियों से भून दिया. मृतक धर्मवीर सिंह(32 वर्ष) पालीगंज के चंदोस सिंगोड़ी का रहनेवाला था. अपराधियों ने मुंशी के कमर, बांह व कान के पास छह गोली मारी है. […]
सीतामढ़ी : मेजरगंज थाना क्षेत्र के डुमरी गांव स्थित कुंडवा घाट के पास सोमवार की सुबह बाइक पर सवार अपराधियों ने कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुंशी को गोलियों से भून दिया. मृतक धर्मवीर सिंह(32 वर्ष) पालीगंज के चंदोस सिंगोड़ी का रहनेवाला था. अपराधियों ने मुंशी के कमर, बांह व कान के पास छह गोली मारी है.
पुलिस ने नाइन एमएम के तीन जिंदा कारतूस, छह खोखा तथा रंगदारी से संबंधित हस्तलिखित परचा बरामद किया है. मेजरगंज-ढेंग पथ के डुमरी(कुंडवा घाट) गांव के पास पुल निर्माण कंपनी लक्ष्मण कंस्ट्रक्शन के मुंशी धर्मवीर सिंह की हत्या के पूर्व अपराधियों ने कंपनी के संवेदक से 20 लाख की रंगदारी मांगी थी.
न्यू क्षत्रिय संगठन फौज ने ली हत्या की जिम्मेवारी
गोलीबारी के बाद साइड के मजदूर काम छोड़ कर इधर उधर भागने लगे. प्रत्यक्षदर्शी मजदूरों के अनुसार, घटना को अंजाम देने के बाद तीनों अपराधी बाइक लेकर दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर भाग निकला. घटनास्थल से बरामद लाल रंग के मार्कर पेन से लिखे गये परचे में न्यू क्षत्रिय संगठन फौज के प्रवक्ता राज सिंह ने लिखा है कि इस हत्या की पूरी जवाबदेही यह संगठन ले रहा है. परचा में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि जो कोई भी इसके खिलाफ जायेगा, उसका भी यही अंजाम होगा. हालांकि मेजरगंज थानाध्यक्ष ने बताया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से किसी प्रकार की रंगदारी मांगने की शिकायत दर्ज नहीं की गयी थी.
गांवों में नहीं जले चूल्हे
पालीगंज. सीतामढ़ी में मारे गये ठेकेदार धर्मवीर वर्मा की मौत की खबर जैसे ही उनके पैतृक गांव चंदोस पहुंचा पूरे गांव में कोहराम मच गया. उनकी पत्नी उषा देवी रोते-रोते बेहोश हो रही थी.
उसके जुबान पर बस एक रट की अब हम केकरा सहारे रहम रे बाप. कौन दुश्मनवा हम्मर जिंदगी उजाड़ देलक रे बाप. हम्मर लइकन के के देखी. उसकी इस क्रंदन से गांव वालों का दिल बैठा जा रहा था. लोगों ने बताया कि स्व रक्षा वर्मा के दो बेटे थे.
बड़ा धर्मवीर वर्मा व छोटा विद्या वर्मा. दोनों भाइयों को मिला कर करीब चार बीघे जमीन है. विद्या घर पर रह कर खेती करता था. वहीं धर्मवीर का दो छह व आठ साल का छोटा-छोटा बेटा है. जो पालीगंज हॉस्टल में रह कर पढ़ाई करता है. इस घटना से पूरे गांव में गम की लहर दौड़ गयी. गांवों में किसी के घर में चुल्हा तक नहीं जला.