सीतामढ़ी में चार दिनों में आठ फुट गिरा जलस्तर, 135 चापाकल सूखे
सीतामढ़ी : सीतामढ़ी के बोखड़ा प्रखंड के भाउर और बनौल में पानी का संकट पैदा हो गया है. दोनों जगहों पर 135 चापाकल से पानी निकलना बंद हो गया है. इसकी वजह है कि पिछले चार दिन में इन इलाकों में जलस्तर आठ फुट तक नीचे चला गया है. पानी की परेशानी से सैकड़ों की […]
सीतामढ़ी : सीतामढ़ी के बोखड़ा प्रखंड के भाउर और बनौल में पानी का संकट पैदा हो गया है. दोनों जगहों पर 135 चापाकल से पानी निकलना बंद हो गया है. इसकी वजह है कि पिछले चार दिन में इन इलाकों में जलस्तर आठ फुट तक नीचे चला गया है. पानी की परेशानी से सैकड़ों की संख्या में लोग परेशान हैं. जांच के लिए मौके पर पहुंची इंजीनियर ने कहा कि ये राज्य में पहला मौका है, जब इतनी तेजी से जलस्तर गिरा है. इससे पहले ऐसा सुनने में नहीं आया.
भाउर गांव में चार दिनों में 70 चापाकल सूख गये. पानी के लिए ग्रामीणों में हाहाकार मचा है. वो समझ नहीं पा रहे है कि पेयजल संकट से कैसे उबरा जाये. पीएचइडी की ओर से शुक्रवार को दो चापाकल लगाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन नहीं लग सके. टैंकर से पानी की आपूर्ति संभव नहीं हो पायी. इधर, जलस्तर रोज नीचे जा रहा है.
दो दिन पहले तक 25 फुट लेयर था, जो शुक्रवार को बढ़कर 29 फुट हो गया. शनिवार को मुकेश भंडारी व अन्य के चापाकलों का फिर लेयर की जांच करने पर बढ़कर 32 फुट हो गया. लोग खाना बनाने के लिए दूसरे जगहों से पानी ला रहे हैं. इन इलाकों में लोगों ने कई दिनों से स्नान नहीं किया है. चापाकल से पानी नहीं आने से महिलाओं को ज्यादा परेशानी हो रही है.
मुखिया दशरथ पासवान, प्रदीप पंडित व मुकेश भंडारी ने बताया कि प्रशासन के स्तर से अब तक कोई सहयोग नहीं मिला है. भाउर की समस्या से पीएचइडी अभी निपटा नहीं था कि प्रखंड के बनौल गांव के पांच वार्डों में 65 चापाकलों से पानी नहीं निकलने की खबर से विभागीय अभियंता और परेशान हो गये हैं. भाउर गांव में उक्त समस्या वार्ड नंबर पांच, सात, नौ, दस व ग्यारह में है.
इधर, बनौल गांव में 24 घंटे के अंदर 65 चापाकल ठप पड़ गये हैं. डीलर संघ के
सीतामढ़ी में चारअध्यक्ष सह ग्रामीण कलाम खां, रहमतुल्लाह व अन्य ने बताया कि वार्ड छह के 23, वार्ड सात के 10, वार्ड आठ के 35, वार्ड नौ के 13 एवं वार्ड चौदह के 11 चापाकलों से पानी नहीं निकल रहा है, जिनके चापाकल ठप हैं, उनमें हारुल अंसारी, प्रकाश सहनी व हाफीज शमसाद अली भी शामिल हैं. गांव की जामा मसजिद का भी चापाकल ठप है. ग्रामीणों द्वारा सामूहिक प्रयास कर दूसरे जगहों से ट्रैक्टर से पानी लाकर लोगों में वितरण किया जा रहा है.
भाउर में 70 व बनौल में 65 चापाकल से पानी निकलना बंद
धान रोपनी के लिए चलाये जा रहे पंप सेट की वजह से लेयर नीचे जा सकता है, लेकिन ऐसी समस्या पहले कभी नहीं आयी थी. ये प्रदेश में पहला मामला है, जहां चापाकल ठप हो गये हैं. भाउर गांव में रविवार को दो चापाकल लगा दिये जायेंगे. पंप सेट बंद कराने व टैंकर से पानी की आपूर्ति के लिए डीएम से बात की जा रही है. बनौल गांव में भी हम जाकर स्थिति को देखेंगे.