सभी गांवों में पानी के लेयर की होगी जांच
जलसंकट. बोखड़ा की चार पंचायतों में पेयजल की समस्या अब भी बरकरार पानी के इंतजार में घंटों इंतजार करते रहे ग्रामीण टैंकर गांव में ही है पड़ा बोखड़ा : प्रखंड की चार पंचायतों क्रमश: बनौल, भाउर, बोखड़ा व कुरहर में सैकड़ों चापाकलों के सूख जाने के कारण पेयजल की समस्या अब भी बरकरार है. जिला […]
जलसंकट. बोखड़ा की चार पंचायतों में पेयजल की समस्या अब भी बरकरार
पानी के इंतजार में घंटों इंतजार करते रहे ग्रामीण
टैंकर गांव में ही है पड़ा
बोखड़ा : प्रखंड की चार पंचायतों क्रमश: बनौल, भाउर, बोखड़ा व कुरहर में सैकड़ों चापाकलों के सूख जाने के कारण पेयजल की समस्या अब भी बरकरार है.
जिला प्रशासन व पीएचइडी की ओर से इस समस्या के ठोस निदान के लिए अब तक हाथ-पांव ही मारा जा रहा है. पेयजल के नाम पर भाउर में मात्र एक चापाकल लगाया गया है और बनौल में एक टैंकर पानी की आपूर्ति के सिवा कुछ नहीं किया गया है.
बनौल गांव का हाल : ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार को करीब 12:30 बजे पीएचइडी के कर्मी एक टैंकर पानी लेकर पहुंचे थे. टैंकर गांव में ही है, जबकि कर्मी दुबारा लौट कर नहीं आये.
गांव के सरफुद्दीन द्वारा अपने निजी ट्रैक्टर की मदद से टैंकर से पानी लाकर लोगों में वितरण किया जा रहा है. इसमें रहमतुल्ला व कलाम खां काफी मदद कर रहे हैं. गुरुवार को दो बजे तक ग्रामीणों द्वारा आपसी सहयोग से पांच टैंकर पानी की आपूर्ति की जा सकी थी. गांव की रानी देवी, आनंदी देवी, सितावरी देवी व जबरा खातून ने बताया कि पीने व खाना बनाने के लिये ही पानी मिल पा रहा है. इस पानी के लिए भी लाइन में लगना पड़ता है.
बच्चे को एक लोटा पानी से ही नहला कर स्कूल भेजना पड़ रहा है.
भाउर गांव का हाल : भाउर में पेयजल संकट के सातवें दिन हो गये. गत दिन सर्वेक्षण में 184 चापाकलों के सूख जाने की बात सामने आयी थी. उसके बाद वार्ड नंबर आठ में पुन: 10-12 चापाकल सूख गये हैं. पीड़ितों में नंदलाल साह, रामएकबाल साह, महेश राम व रामाश्रय साह शामिल हैं. उक्त लोगों ने बताया कि विभाग द्वारा लगाये गये एक चापाकल से लाइन में लग कर पानी लेकर काम चला रहे हैं. टैंकर से पानी की आपूर्ति करने का आश्वासन मिला था.आश्वासन देकर अभियंता गये तो फिर नहीं लौटे.