सीतामढ़ी : सावन की दूसरी सोमवारी को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के साथ ही पूजा किये. हलेश्वर स्थान, दमामी मठ व बेला के बाबा नागेश्वर नाथ समेत अन्य शिव मंदिरों में सुबह से हीं जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी.
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शिव मंदिरों में जलाभिषेक को उमड़े श्रद्धालु
सीतामढ़ी : सावन की दूसरी सोमवारी को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के साथ ही पूजा किये. हलेश्वर स्थान, दमामी मठ व बेला के बाबा नागेश्वर नाथ समेत अन्य शिव मंदिरों में सुबह से हीं जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी. दोपहर में भीड़ में कमी आयी. […]
दोपहर में भीड़ में कमी आयी. भगवान शिव पर जलाभिषेक करने में महिलाएं पीछे नहीं रही. बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी कांवर व कलश में जल लेकर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. बहुत से बुजुर्गों को कांवर से जल लेकर शिव मंदिरों पर जाते देखा गया. छोटे-छोटे बच्चे भी गेरूआ रंग का वस्त्र पहने और बोल बम का नारा लगाते जा रहे थे. शिव मंदिरों पर बीच-बीच में भगवान शंकर की जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय बन गया था. कई शिव भक्तों को दंड देते मंदिरों पर जाते देखा गया.
बेला में रासलीला का आयोजन
बेला : बेला के गोरहारी- नोचा चौक स्थित बाबा नागेश्वर नाथ मंदिर में सोमवार को सैकड़ों शिवभक्तों ने जलाभिषेक किया.
बता दें कि श्रद्धालु नेपाल के जनकपुर धाम स्थित बागमती नदी एवं खैरवा मलाही के त्रिमुहानी से जल लेकर चढ़ाते हैं. शिवभक्तों की सुविधा के लिए नि:शुल्क चिकित्सा, रौशनी व पेयजल की व्यवस्था की गयी है. अध्यक्ष भुवनेश्वर नाथ झा, कोषाध्यक्ष हुकुम चौधरी व सचिव रामयश ठाकुर ने बताया कि वर्ष 2006 से कांवरियों की सुविधाओं का ध्यान रखा जाने लगा. मंदिर के समीप मेला लगा हुआ है. झूला व रंग-विरंगी दुकानों के अलावा यहां प्रतिदिन पूरे सावन भर रासलीला का कार्यक्रम चलता है.
16 को रूद्राभिषेक अनुष्ठान
डुमरा. प्रखंड के लगमा गांव स्थित श्वेतांबर शिवलिंग पर सोमवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया. लक्ष्मण नदी से जल लेकर बोल बम का नारा लगाते हुए कांवरिये उक्त मंदिर पर पहुंचे थे. मंदिर के संरक्षक रामहृदय ने बताया कि 16 को त्रयोदशी व्रत के अवसर पर यहां रूद्राभिषेक अनुष्ठान का आयोजन किया जायेगा. भक्ति जागरण का भी कार्यक्रम होना है.
आते हैं हजारों कांवरिये सरकारी सुविधा नदारद
नाचते-गाते मंदिर में पहुंचे कांविरये
सुप्पी : बागमती नदी के ढ़ेंग घाट पर सावन मास में हर रविवार को हजारों कांवरिये पहुंचते हैं जो नदी से जल लेकर सबसे पहले घाट के समीप स्थित बाबा बागेश्वर नाथ पर जलाभिषेक व पूजा करने के बाद पुन: नदी में स्थान करते हैं. फिर जल लेकर चलते हैं और अगले दिन सोमवार को विभिन्न शिवमंदिर में जलाभिषेक करते हैं.
जिले के विभिन्न प्रखंडों के कांवरिया गरमिशानी स्थित हलेश्वर स्थान, बसबिट्टा स्थित सुकेश्वर नाथ, बलसंड के दमामी मठ, देकुलीधाम व अन्हारी समेत अन्य स्थानों के शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं. नदी के तट से कांवर में जल लेकर गेरूआ वस्त्र धारण किये कांवरिये नाचते-गाते मंदिरों पर जाते हैं. बोल बम व महादेव की जय घोष से पूरा रास्ता गूंजता रहता है.
स्थानीय तेजनारायण बैठा व शिवमंगल साह ने बताया कि वर्षों से ढ़ेंग घाट पर बड़ी संख्या में कांवरिये आते हैं. प्रशासन को इसकी जानकारी रहने के बावजूद कांवरियों के लिये कोई सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं है. न तो यहां शौचालय और न ही धर्मशाला का निर्माण कराया गया है. नदी में कहीं भी इसका संकेत नहीं है कि गहराई किस जगह तक है. नदी में जाने पर कांवरिये डरे व सहमे रहते हैं.
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