सवा माह पहले यास्मीन को मिला था बेटे का पासपोर्ट

सीतामढ़ी : आइएसआइएस नामक आतंकी संगठन से कथित सांठ-गांठ को लेकर पुलिस के हत्थे चढ़ी यास्मीन की पृष्ठभूमि खंगालने के लिए गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली व पटना से खुफिया विभाग की टीम सीतामढ़ी पहुंच गयी है. काफी गोपनीय तरीके से यास्मीन की कुंडली खंगाली जा रही है. स्थानीय पुलिस भी यास्मीन की पृष्ठभूमि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2016 3:53 AM

सीतामढ़ी : आइएसआइएस नामक आतंकी संगठन से कथित सांठ-गांठ को लेकर पुलिस के हत्थे चढ़ी यास्मीन की पृष्ठभूमि खंगालने के लिए गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली व पटना से खुफिया विभाग की टीम सीतामढ़ी पहुंच गयी है. काफी गोपनीय तरीके से यास्मीन की कुंडली खंगाली जा रही है.

स्थानीय पुलिस भी यास्मीन की पृष्ठभूमि को खंगाल रही है, लेकिन अब तक पुलिस के सामने यास्मीन के अतीत को लेकर कोई संदेहास्पद बात सामने नहीं आयी है. दिल्ली व पटना के अलावा स्थानीय स्तर पर तैनात खुफिया विभाग के अधिकारी भी यास्मीन की जिंदगी से जुड़ी हर छोटी-छोटी बात की तफ्तीश बारीकी से कर रहे हैं. बाजपट्टी थानाध्यक्ष अभिषेक कुमार का कहना है कि यास्मीन का पासपोर्ट पहले से बना हुआ था.

अभी हाल में वह ईद में घर आयी थी, तो पासपोर्ट वेरीफिकेशन के लिए आवेदन दिया. यास्मीन के खिलाफ अब तक किसी तरह का आपत्तिजनक मामला सामने नहीं आया था. इस कारण उसके पासपोर्ट वेरीफिकेशन में किसी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं हुई थी. इधर मामले की जांच-पड़ताल में शामिल सूत्रों ने बताया कि यास्मीन पूरे योजनाबद्ध तरीके से अफगानिस्तान जा रही थी. कारण था कि वह अपने पांच वर्षीय पुत्र मो युसूफ का पासपोर्ट भी हाल में बना चुकी थी. डाक विभाग से यास्मीन को उसके पुत्र युसूफ का पोसपोर्ट 27 जून ,2016 को बाजपट्टी थाना अंतर्गत मोरौल गांव स्थित पैतृक आवास पर उपलब्ध कराया गया था.

यास्मीन की जांच में दिल्ली व पटना से पहुंची खुफिया विभाग की टीम
साइबर कैफे व संदिग्ध पासपोर्ट की जांच में जुटा खुफिया विभाग
लैपटॉप व स्मार्ट फोन से अक्सर रहती थी लैस

Next Article

Exit mobile version