सीतामढ़ी : सरकार द्वारा समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए समय-समय पर कई कल्याणकारी योजनाएं बनायी गयी हैं, आजादी के 68 सालों बाद भी लाखों गरीबों को मुख्य धारा से जुड़ने का मौका नहीं मिल पा रहा है. व्यवस्था में गड़बड़ी इसका मुख्य कारण है.
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भ्रष्टाचार के मकड़जाल में उलझे जरूरतमंद
सीतामढ़ी : सरकार द्वारा समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए समय-समय पर कई कल्याणकारी योजनाएं बनायी गयी हैं, आजादी के 68 सालों बाद भी लाखों गरीबों को मुख्य धारा से जुड़ने का मौका नहीं मिल पा रहा है. व्यवस्था में गड़बड़ी इसका मुख्य कारण है. गांव-गांव में इसका […]
गांव-गांव में इसका उदाहरण देखने को मिला जाता है. बिचौलिया हर जगह बेरोजगारी के कारण हर जगह बिचौलिया अपना पैर रसार रखा है. भ्रष्टाचार के कारण हजारों गरीबों को उनका वाजिब हक नहीं मिल पा रहा है. कोई भी पंचायत या गांव इससे अछूता नहीं है. गरीब अपना हक पाने के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा-लगा कर थक कर बैठ जाता है, लेकिन उसका कोई सुनने वाला नहीं है.
बिचौलिये ने विकलांग महिला से की 11 सौ की ठगी
सोमवार को इसका ताजा उदाहरण बथनाहा प्रखंड कार्यालय में देखने को मिला. स्थानीय प्रखंड के बखरी पंचायत के नरहा जगदर गांव निवासी धनई महतो की पैर से विक्लांग पत्नी सुगिया देवी अपने विकलांगता प्रमाण-पत्र के साथ वृद्ध ससुर के साथ पेंशन के लिए आवेदन करने अंचल कार्यालय पहुंची थी. सुगिया देवी के आवेदन की जांच की गयी तो उसके प्रमाण-पत्र पर मात्र 20 अंक ही था. जबकि कम से कम 40 प्रतिशत अंक वाले को ही योजना का लाभ दिया जाना है.
कर्मचारी ने महिला व उसके आवेदन को मौजूद सुरक्षा गार्ड के हवाले कर दिया. सुरक्षा गार्ड ने महिला को लेकर बीडीओ कार्यालय आया व उसके आवेदन को प्रधान सहायक के हवाले कर दिया. महिला को वास्तव में चलने में परेशानी हो रही थी. महिला से पूछताछ की गयी, तो उसने बताया कि गांव का ही वीरेंद्र नामक एक बिचौलिया दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनवा कर पेंशन चालू करा देने का विश्वास दिला कर उससे 11 सौ रुपये ऐंठ लिया और डुमरा ले जाकर प्रमाण-पत्र बनवा दिया,
जिस पर मात्र 20 अंक दिया गया है. महिला ने बताया कि उक्त बिचौलिया मुखिया का नजदीकी आदमी है. खास बात यह कि उक्त बिचौलये ने ही प्रमाण-पत्र पर ओवर राइटिंग कर 50 अंक बना दिया था. मौजूद पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने महिला को समझा कर भेजा कि शिविर लगने पर वह दोबारा जांच करा कर अपना दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनवाएं, फिर पेंशन के लिए आवेदन करें.
आशा कार्यकर्ता ने पैसे के लिए दी गाली
दूसरा उदाहरण इसी प्रखंड के कमलदह पंचायत के विशनपुर गांव का है. वहां की सैजू राय की पत्नी रेणू देवी का स्थानीय पीएचसी में बंध्याकरण हुआ. स्थानीय सीता देवी नामक आशा कार्यकर्ता ने महिला से 300 रुपये पहले ही ऐंठ ली और प्रोत्साहन राशि दिलाने के लिए और पैसा मांग रही है. महिला की सास प्रोत्साहन राशि के भुगतान के लिए बैंक खाता नंबर समेत अन्य आवश्यक कागजात लेकर उक्त आशा कार्यकर्ता के पास जमा कराने गयी, तो महिला के साथ आशा कार्यकर्ता ने गाली-गलौज करते हुए कहा कि जब तक पैसा नहीं मिलेगा, खाता में रुपया नहीं जाएगा.
स्थानीय स्वास्थ्य प्रबंधक विनय कुमार ने बताया कि लाभार्थी महिला सीधे पीएचसी कार्यालय पहुंच कर प्रोत्साहन राशि का भुगतान ले सकती है. आरोपित आशा कार्यकर्ता ने यदि ऐसा किया है, तो उससे स्पष्टीकरण पूछा जएगा.
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