आस्था के साथ मना तीज व चौठ चंद्र का त्योहार
धर्म-अध्यात्म. महिलाओं ने भगवान शिव व चंद्र की आराधना की नानपुर/बाजपट्टी : लोक आस्था का पर्व तीज व चौठी चांद व्रत रविवार की शाम बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया़ व्रत को लेकर महिलाएं सुबह से ही विभिन्न व्यंजनों से प्रसाद बनाने के साथ ही पूजा की तैयारियों में जुट गयी. यह व्रत सदियों […]
धर्म-अध्यात्म. महिलाओं ने भगवान शिव व चंद्र की आराधना की
नानपुर/बाजपट्टी : लोक आस्था का पर्व तीज व चौठी चांद व्रत रविवार की शाम बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया़ व्रत को लेकर महिलाएं सुबह से ही विभिन्न व्यंजनों से प्रसाद बनाने के साथ ही पूजा की तैयारियों में जुट गयी. यह व्रत सदियों से भाद्र शुक्ल पक्ष के हस्त नक्षत्र में तृतीया को मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन सभी सौभाग्यवती महिलाएं अपने जन्म-जन्मांतर की रक्षा, घर में हमेशा सुख शांति व साम्ब सदाशिव की कृपा व आशीर्वाद पाने के लिए यह व्रत करती है़ं इस दिन व्रति महिलाएं शुद्ध व पवित्र होकर मिट्टी से निर्मित साम्ब सदाशिव की पूजा-अर्चना करती हैं़
व्रती महिलाओं को इस दीन साम्ब सदाशिवाय नमः मंत्र का उच्चारण करते हुए जल, पंचामृत, नव वस्त्र, अक्षत, फूल, बेलपत्र के साथ पूजा-अर्चना करनी चाहिए. वहीं जिले भर में चौठ चंद्र की पूजा-अर्चना की भी धूम रही़ लोग विभिन्न प्रकार पकवान बनाकर भगवान चंद्र की पूजा-अर्चना की़ बाजार में चौठ चंद्र व व तीज को लेकर लेकर उत्साह का माहौल रहा़ पूजा की सामग्री की खरीदारी के लिए सुबह से ही दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी रही़ हर घर में त्योहार को लेकर खुशी का माहौल देखा गया़
फल व दही के साथ किया गया चंद्र दर्शन
शाम 5 बजे से चतुर्दशी हो जाने के कारण रविवार को ही चौठ चंद्र का व्रत किया गया. व्रती महिलाओं ने सुबह से ही चौठ चंद्र को अर्घ्य देने के लिए विभिन्न व्यंजनों से प्रसाद कनाने में जुट गयी. सुबह से ही बच्चों में पर्व को लेकर उत्सुकता देखी गयी. गांव से लेकर शहरों तक के बाजार दोपहर बाद सजने के बजाय सुबह से ही सज गयी और खरीददारों की भीड़ उमड़ने लगी. व्रती महिलाएं सुबह से ही व्रत रख कर मिट्टी से बने चूल्हे पर प्रसाद तैयार करने में जुट गयी थी. शाम ढलने से पूर्व सभी व्रती महिलाओं के घर को पीठार से अरिपन तैयार किया गया और शाम ढलते ही अरिपन पर प्रसाद से सजे डाला को सजाया गया और व्रती महिलाओं द्वारा पूजा-अर्चना करने के बाद चौठ चंद्र को बड़े ही श्रद्धा के साथ अर्घ्य दिया गया. इसके बाद परिवार के अन्य सभी सदस्य हाथों में विभिन्न प्रकार के फल व दही लेकर चंद्र दर्शन किया गया और उसके बाद प्रसाद ग्रहण किया गया. इस दौरान लोगों ने अपने परिवार व समाज की सुख-शांति की कामना की व हर्षोल्लास से चौठचंद्र का पकवान ग्रहण किया़