लखनदेइ में उफान, कई गांवों में घुसा पानी

हरिछपरा में आधा दर्जन घर बाढ़ के पानी से घिरा फसल बर्बाद होने की चिंता से परेशान हैं किसान पानी में आने वाले विषैले सांपों से भयभीत हैं लोग सीतामढ़ी : लखनदेइ नदी का जलस्तर चार दिनों से लगातर बढ़ रहा है. अब स्थिति यह हो गयी है कि डुमरा प्रखंड के कई गांवों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2016 5:52 AM

हरिछपरा में आधा दर्जन घर बाढ़ के पानी से घिरा

फसल बर्बाद होने की चिंता से परेशान हैं किसान

पानी में आने वाले विषैले सांपों से भयभीत हैं लोग

सीतामढ़ी : लखनदेइ नदी का जलस्तर चार दिनों से लगातर बढ़ रहा है. अब स्थिति यह हो गयी है कि डुमरा प्रखंड के कई गांवों में नदी का पानी घुस गया है. हरिछपरा गांव में लखनदेइ बांध से पश्चिम बसे करीब आधा दर्जन परिवार के लोग नदी की पानी से से घिर गये हैं. ग्रामीण विनोद दास, नारायण दास, सुबोध दास ने बताया कि पिछले दो दिनों से बाढ़ का पानी अधिक बढ़ा है. निर्मल भारत अभियान के तहत बनाये जा रहे निर्माणधीन शौचालय में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. जिस कारण लोगों को परेशानी हो रही है़ लोगों ने समस्या के समाधान की मांग की है़

घर तक आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. पानी में विषैले सर्प भी देखा जा रहा है. इससे लोग काफी भयभीत हैं. हालांकि लखनदेई नदी में बाढ़ की स्थिति देख कर लोग आश्यचर्यचकित हैं. उनका कहना है कि नेपाल सीमा के समीप जब नदी का मुंह बंद है तो आखिर यह पानी आया कहां से?

बाजितपुर में डूबी धान की फसल

लखनदेइ में पानी आने से बाजितपुर गांव के पश्चिमी सरेह में धान व सब्जी की फसलें पूरी तरह डूब गयी है. इससे किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गयी है. पानी में डूबे करीब एक एकड़ धान की फसल को देखने पहुंचे किसान हेमन महतो ने बताया कि यहां के किसान कई सालों से सुखाड़ तो कभी बाढ़ की मार से परेशान हैं. वहीं जयमंगल सिंह ने बताया कि लगता है इस साल भी धान की फसल से लागत खर्च तक निकलने वाला नहीं है. यदि शीघ्र खेत से पानी नहीं निकला तो फसल गल कर नष्ट हो जायेगी. जिससे किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना हैं़ उन्होंने कहा कि बाढ़ हर साल इस क्षेत्र में तबाही लेकर आती है़

सूअर के सात बच्चे मरे

जगदीशपुर के महादलित परिवारों की चिंता बढ़ने लगी है. यदि बाढ़ का पानी थोड़ा और बढ़ा तो सभी को घर छोड़ सड़क पर शरण लेनी होगी. बाढ़ के पानी को दिखाते हुए बबलू मल्लिक ने बताया कि रविवार को सुबह दस बजे नदी उपटकर पानी आने लगा था. तब सोचें कि नदी में बारिश का पानी आया होगा. इसलिए नीचले भाग में रखे सूअर के बच्चे को ऊंचे स्थान पर नहीं रखें, पर रात को पानी बढ़ कर सूअर के खोभ में घुस गया, जिससे सात बच्चे की मौत हो गयी.

लखनदेई में सोरम का पानी : अधिकारी

इस बाबत बागमती प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रामविनय सिन्हा ने बताया कि नदी का अब तक मुंह नहीं खुला है. पितांबरपुर के समीप लखनदेई में सोरम नदी का पानी प्रवेश कर रहा है़

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