उत्तरा नक्षत्र की बारिश से धान की फसल को लाभ

को बेहतर पैदावार होने की जगीं उम्मीदें, खेतों में सूख रहे पौधों में आ गयी है जान खेत में लगी धान की फसल. डुमरा : खरीफ मौसम की खेती में कल तक यह जिला सुखाड़ का दंश झेल रहा था. यहां तक कि जिला प्रशासन द्वारा सुखाड़ की बाबत राज्य सरकार को रिपोर्ट भी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2016 4:34 AM

को बेहतर पैदावार होने की जगीं उम्मीदें, खेतों में सूख रहे पौधों में आ गयी है जान

खेत में लगी धान की फसल.
डुमरा : खरीफ मौसम की खेती में कल तक यह जिला सुखाड़ का दंश झेल रहा था. यहां तक कि जिला प्रशासन द्वारा सुखाड़ की बाबत राज्य सरकार को रिपोर्ट भी की जा चुकी है.
अब पहले जैसा हालात नहीं है. उत्तरा नक्षत्र में बारिश होने से किसानों को बड़ी राहत मिली है. बारिश का पानी धान की फसल के लिए एक वरदान माना जा रहा है. 14 से 26 सितंबर तक उत्तरा नक्षत्र की बारिश से कृषि विभाग व किसानों को धान की फसल से बेहतर पैदावार होने की उम्मीदें जग गयी है. बताया गया है कि 27 से नौ अक्तूबर तक हथिया नक्षत्र है. उम्मीद की जा रही है कि वर्षा की स्थिति सामान्य रहेगी. ऐसा होने पर किसानों को आगामी रबी की फसल में काफी राहत मिलेगी. यानी खेतों में नमी बनी रहेगी.
लक्ष्य से अधिक बारिश : सितंबर में 153.30 एमएम बारिश होने का लक्ष्य था. बारिश 248.60 एमएम हुई है. सोनबरसा प्रखंड में सबसे अधिक 439.60 एमएम तो सबसे कम सुरसंड प्रखंड में 89.00 एमएम बारिश हुई है. इसी तरह परिहार में 347.00, बथनाहा में 258.00, पुपरी में 197.40, चोरौत में 279.00, नानपुर में 141.60, बोखड़ा में 128.80, बाजपट्टी में 243.80, रून्नीसैदपुर में 116.00, बेलसंड में 282.40, परसौनी में 303.00, रीगा में 255.20, डुमरा में 292.60, मेजरगंज में 325.60, सुप्पी में 247.80, बैरगनिया में 279.40 एमएम बारिश रिकार्ड की गयी है. यह आंकड़ा 26 सितंबर तक का है.
जिले में वर्षा की स्थिति संतोषजनक है. खेतों में पानी लगा है. जिन खेतों में पानी नहीं लगा है, वहां भी पर्याप्त नमी है. हथिया नक्षत्र में बारिश होने पर गेहूं की खेती फायदेमंद साबित होगी.
आरके राय , डीएओ

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