फरजी एसआइओ पर खाद्यान्न उठाव!

खुलासा. अनाज उठाव का खेल हुआ फेल तीन खाद्यान्न माफियाओं ने नेपाल में छपवायी थी एसआइओ की प्रति काफी दबाव के बावजूद आइटी मैनेजर ने नहीं िकया सहयोग सीतामढ़ी : ले में हर माह खाद्यान्न का घोटाला होता है. घोटाले में कौन-कौन लोग शामिल रहते हैं, उन चेहरों से हर कोई वाकिफ हैं. अगर हर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2016 1:39 AM

खुलासा. अनाज उठाव का खेल हुआ फेल

तीन खाद्यान्न माफियाओं ने नेपाल में छपवायी थी एसआइओ की प्रति
काफी दबाव के बावजूद आइटी मैनेजर ने नहीं िकया सहयोग
सीतामढ़ी : ले में हर माह खाद्यान्न का घोटाला होता है. घोटाले में कौन-कौन लोग शामिल रहते हैं, उन चेहरों से हर कोई वाकिफ हैं. अगर हर माह जांच हो तो निश्चित तौर पर घोटाला उजागर होने के साथ ही संबंधित चेहरे भी बेनकाब होंगे, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाता है. गोदामों का औचक निरीक्षण/जांच नहीं की जाती है.
यही कारण है कि एजीएम दीमक की तरह खाद्यान्न चट करते जाते हैं और जब जांच होती है तो पता चलता है कि हजारों क्विंटल खाद्यान्न का घोटाला हुआ है. उदाहरण के रूप में रून्नीसैदपुर एसएफसी गोदाम की वर्षों तक जांच नहीं की गयी और जब जांच हुई तो 4.10 करोड़ के खाद्यान्न का घोटाला सामने आया था. डीएम राजीव रौशन द्वारा खाद्यान्न के कथित घोटाले की जांच को डीएम की अध्यक्षता में एक टीम गठित की गयी है. टीम जांच भी कर रही है. कुछ ही दिन के बाद सब कुछ साफ हो जायेगा.
करीब 30 हजार क्विंटल का घोटाला : सूत्रों ने बताया कि प्रशासन द्वारा 1.33 लाख क्विंटल खाद्यान्न घोटाले की जांच करायी जा रही है, जबकि गत वर्ष 57633 क्विंटल ही अतिरिक्त आवंटन मिला था. इसमें से 37 हजार क्विंटल खाद्यान्न का एसआइओ निर्गत हुआ था और डीलरों द्वारा खाद्यान्न का उठाव भी किया गया था.
शेष 30 हजार क्विंटल खाद्यान्न न तो लैप्स हुआ और न ही किसी ने उठाव किया. बताया गया है कि उक्त खाद्यान्न के बारे में न तो सरकार के स्तर से कुछ पूछा गया और न ही एसएफसी द्वारा ऊपर कोई जानकारी दी गयी. बीच में ही कथित तौर पर खाद्यान्न को कालाबाजार में पहुंचा दिया गया. यह बात अलग है कि एसएफसी के जिला प्रबंधक मो बलाउद्दीन ने गुरुवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि सब ठीक है, खाद्यान्न का घोटाला नहीं हुआ है.
तीन गुटों में बंटे मािफया
बताया गया है कि उक्त कथित घोटाले के दौरान जिले के तीन खाद्यान्न माफिया काफी सक्रिय थे और अब भी है. दो माफियाओं ने गंठजोड़ कर लिया था. तीनों की नजर 30 हजार क्विंटल अतिरिक्त खाद्यान्न पर थी. तीनों ने एसएफसी के आइटी मैनेजर पर दबाव बनाया कि उक्त खाद्यान्न का एसआइओ निर्गत करें, डीलरों से राशि जमा करा दी जायेगी, लेकिन ऐसा करने से उसने इनकार कर दिया. तब माफियाओं द्वारा उंगली टेढ़ी की गयी और दबाव बढ़ा दिया गया. फिर भी आइटी मैनेजर नहीं झुका. यानी उसने अपनी नौकरी से खिलवाड़ करना उचित नहीं समझा. उसके बाद माफियाओं ने नेपाल में जाली एसआइओ छपवायी और उस पर आइटी मैनेजर व एकाउंटेंट गजेंद्र सिंह का हू-ब-हू हस्ताक्षर कर आइटी मैनेजर को चौका दिया. अंतत: फर्जी एसआइओ पर खाद्यान्न का उठाव करने में माफिया विफल रहे. खबर मिली है कि नौकरी जाने व इस प्रकरण में फंसने के भय से आइटी मैनेजर तुरंत वरीय अधिकारियों से मिला और इस पूरी बात की जानकारी दी. वैसे कहा गया है कि मैनेजर ने वरीय को सूचना देने में थोड़ी विलंब कर दी.

Next Article

Exit mobile version