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78 लाख की अवैध निकासी

हेराफेरी. बैंककर्मी की करतूत की सजा भुगत रहे उपभोक्ता ग्रामीण बैंक की खड़का शाखा से 300 के खातों से निकाला गया पैसा अब तक मात्र एक खाताधारी को मिला है पैसा नौ लाख के गबन की बीडीओ को खबर नहीं सीतामढ़ी/बोखड़ा : ग्रामीण बैंक की खड़का शाखा में खाता खुलवाकर पैसा जमा करना 300 ग्राहकों […]

हेराफेरी. बैंककर्मी की करतूत की सजा भुगत रहे उपभोक्ता

ग्रामीण बैंक की खड़का शाखा से 300 के खातों से निकाला गया पैसा
अब तक मात्र एक खाताधारी को मिला है पैसा
नौ लाख के गबन की बीडीओ को खबर नहीं
सीतामढ़ी/बोखड़ा : ग्रामीण बैंक की खड़का शाखा में खाता खुलवाकर पैसा जमा करना 300 ग्राहकों को अब काफी महंगा पड़ रहा है. बैंक के अधिकारियों के सख्त नियम व मनमानी के चलते ग्राहकों का उक्त शाखा से मोह भंग होता जा रहा है.
पैसा नहीं लौटाने से क्षुब्ध होकर कई ग्राहक बैंक के खिलाफ हाइकोर्ट में मामला दायर करने का मन बना लिये है. ग्राहकों का कहना है कि बैंक का यह कैसा नियम व तुगलकी फरमान है कि राशि गबन करे कर्मी और उसकी सजा ग्राहकों को भुगतना पड़े. दरअसल, बैंक ने कहा है कि जिन ग्राहकों को पैसा रिटर्न लेना है, उनको हजार रुपये का बांड भरकर देना होगा. ऐसा नहीं करने वालों को उनका जमा एक भी पैसा नहीं मिल पायेगा.
हाइकोर्ट में मामला शीघ्र : नया टोला के विमलेश कुमार बताते है कि उक्त शाखा में फिक्स डिपोजिट किये थे. कर्मियों ने उस पैसे को भी गबन कर लिया. अब पैसा रिटर्न करने के लिए बांड के साथ आवेदन मांगा जा रहा है, जो देना संभव नहीं है. बताया कि यह कैसा नियम है कि अपना पैसा लेने के लिए बांड देना पड़े. बैंक के इस तुगलकी नियम के खिलाफ वे एवं अन्य ग्राहक संयुक्त रूप से हाइकोर्ट में मामला दायर करने वाले है. बता दें कि 300 ग्राहकों में से अब तक मात्र एक ग्राहक को उसका पैसा रिटर्न हो सका है.
सूत्रों ने बताया कि गबन कर लिये गये 78 लाख में से नौ लाख रुपये प्रखंड कार्यालय के है. यह बात अलग है कि बीडीओ को उसकी अब तक भनक भी नहीं लगी है. बीडीओ महेश्वर पंडित ने बताया कि उनके खाते से नौ लाख का गबन कर लिया गया है, की जानकारी नहीं है. अगर ऐसी बात है तो शाखा प्रबंधक को पत्र भेज जानकारी देनी चाहिए थी. तब वह कोई कदम उठाते.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि उक्त शाखा के करीब 300 खाते से 78 लाख का गबन कर लिया गया था. यह तमाम पैसा ग्राहकों का था. इस बाबत दो प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, जिसमें लिपिक गजेंद्र झा समेत चार को आरोपित किया गया था. बैंक की ओर से ऑडिट कराने पर गबन की उक्त पूरी राशि का खुलासा हुआ था. बाद में कर्मियों की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी. कमेटी की जिम्मेदारी थी कि जिन ग्राहकों का पैसा जमा है, उनसे हजार रुपये का बांड लेकर अगर पैसा वापस लेना चाहे तो दिला सकती है. इससे पूर्व कमेटी पूरी जांच-पड़ताल कर लेगी. हजार रुपये का बांड देने के चलते ग्राहक राशि वापस लेने के लिए आवेदन नहीं कर रहे है.
ग्राहकों को बैंक का उक्त नियम बेतूका लग रहा है.
पैसा किया जायेगा रिटर्न: शाखा प्रबंधक विजय कुमार ने बताया कि अब तक एक ग्राहक मदन कुमार वापस पैसे लिये है. चार ग्राहकों का आवेदन आरएम कार्यालय भेजा गया है. वहां से स्वीकृति मिलने के बाद पैसा रिटर्न किया जायेगा. एक खाते से मोटी रकम की निकासी है. यह पता नहीं चल पा रहा है कि किस-किस के खाते से उक्त राशि संबंधित खाता में डालकर निकासी की गयी थी. इसकी जांच आरएम कार्यालय में चल रही है. बांड के सवाल पर कहा कि यह आदेश वरीय अधिकारियों का है.
विजय कुमार, शाखा प्रबंधक

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