10 सूत्री मांगों के समर्थन में धरना का आयोजन

सीएस को सौंपा पीएम को संबोधित ज्ञापन 60% सीटों पर नामांकन का प्रावधान खत्म करने की मांग सीतामढ़ी : चिकित्सक विरोधी क्लिनिक स्टेबलिशमेंट कानून वापस लेने, चिकित्सकों एवं चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार कानून बनाने व सुरक्षा प्रदान करने समेत 10 सूत्री मांगों को लेकर आइएमए सीतामढ़ी एवं डुमरा शाखा के बैनर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2016 6:09 AM

सीएस को सौंपा पीएम को संबोधित ज्ञापन

60% सीटों पर नामांकन का प्रावधान खत्म करने की मांग
सीतामढ़ी : चिकित्सक विरोधी क्लिनिक स्टेबलिशमेंट कानून वापस लेने, चिकित्सकों एवं चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार कानून बनाने व सुरक्षा प्रदान करने समेत 10 सूत्री मांगों को लेकर आइएमए सीतामढ़ी एवं डुमरा शाखा के बैनर तले डॉक्टरों ने आइएमए सत्याग्रह के तहत बुधवार को सदर अस्पताल में सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष धरना दिया.
धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ युगल किशोर प्रसाद ने की. चिकित्सकों की प्रमुख मांगों में पीसीपीएनडीटी कानून में अनर्गल तालिबानी प्रावधानों को खत्म करने, चिकित्सकों द्वारा दी जानेवाली मुआवजे की राशि तय करने, आधे-अधूरे प्रशिक्षण देकर आधुनिक चिकित्सा की पैक्टिस करने का इजाजत बंद करने,
समान काम के लिए समान वेतन सारे देश में चिकित्सकों के लिए समान केंद्रीय वेतनमान लागू करने, धरना पर बैठे चिकित्सकों ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र के सर्वोच्च नियामक संस्थान की बागडोर चिकित्सकों के हाथ में हो, एनएमसी पर गैर चिकित्सक अफसरशाहों का कब्जा बरदाश्त नहीं किया जायेगा. चिकित्सकों ने एनएमसी एक्ट में कैपिटेशन फीस पर 60% सीटों पर नामांकन का प्रावधान खत्म करने की मांग की. धरना के पश्चात चिकित्सकों का शिष्टमंडल सिविल सर्जन डॉ बिंदेश्वरी शर्मा से मिल कर प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा.
धरना पर बैठने वालों में आइएमए डुमरा शाखा के अध्यक्ष डॉ आरए शर्मा,
सचिव डॉ आरके यादव, आइएमए सीतामढ़ी शाखा के सचिव डॉ जयशंकर प्रसाद, डॉ सीताराम प्रसाद सिंह, डॉ अंजु सिंह, डॉ संजय कुमार, डॉ प्रेम पुष्प लोहिया, डॉ शशि शेखर झा, डॉ एम ठाकुर, डॉ अजय कुमार, डॉ अमित कुमार, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ मेजर बीएन झा, डॉ पीके तिवारी, डॉ मनोज कुमार, डॉ एके श्रीवास्तव, डॉ आरके प्रकाश, डॉ केपी देव, डॉ प्रतिमा आनंद समेत अन्य चिकित्सक शामिल थे.

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