देश में शांति के लिए बंगलामुखी महायज्ञ
आयोजन तिरंगे में लिपटा यज्ञ पंडाल व मंडप बना आकर्षण का केंद्र, कई िजलों से पहुंच रहे श्रद्धालु सीतामढ़ी : सीमा पर जारी टकराव को समाप्त कर देश में शांति की स्थापना के साथ संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए मुख्यालय डुमरा के मुरादपुर पंचायत अंतर्गत नारायणपुर गांव में जारी तीन दिवसीय बंगलामुखी महायज्ञ का […]
आयोजन तिरंगे में लिपटा यज्ञ पंडाल व मंडप बना आकर्षण का केंद्र, कई िजलों से पहुंच रहे श्रद्धालु
सीतामढ़ी : सीमा पर जारी टकराव को समाप्त कर देश में शांति की स्थापना के साथ संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए मुख्यालय डुमरा के मुरादपुर पंचायत अंतर्गत नारायणपुर गांव में जारी तीन दिवसीय बंगलामुखी महायज्ञ का उत्साह अब परवान पर है.
पूरा इलाका आस्था के रंग में रंग गया है. चारों ओर भक्ति का माहौल है. यज्ञ मंडप से निकल रहे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ काली दुर्गे राधेश्याम, गौड़ी शंकर सीताराम के जाप से इलाका गूंज रहा है. महायज्ञ के दूसरे दिन रविवार को भी इलाके में श्रद्धा, आस्था व भक्ति की त्रिवेणी बहती नजर आई. तिरंगा में लिपटे यज्ञ पंडाल व यज्ञ मंडप आकर्षण का केंद्र बने रहे.
वहीं भारत माता की प्रतिमा भी आस्था व आकर्षण का केंद्र बनी रहीं. जबकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु यज्ञ स्थल पर पहुंच कर पूजा-अर्चना करते नजर आए. यज्ञ में आस पास के इलाकों के अलावा अन्य जिलों से भी श्रद्धालु भी पहुंचते रहे. इस क्रम में आइजीआइएमएस पटना के चिकित्सक डा राजीव रंजन, औरंगाबाद के एमएलसी मुन्ना सिंह व पैक्स चेयरमैन गोपाल सिंह समेत कई प्रतिष्ठित लोग भी रविवार को यज्ञ में शामिल हुए. आयोजक लक्ष्मण चौबे ने बताया कि भारत को विश्व शक्ति व विरोधी देश पाकिस्तान तथा चीन को कमजोर करने के लिए बगलामुखी यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. बताया कि सीतामढ़ी में पहली बार बगलामुखी यज्ञ का आयोजन हो रहा. इसमें काशी समेत देश के कई प्रसिद्ध स्थलों के प्रख्यात विद्वान पंडित व आचार्य शामिल शामिल हुए है. बताते चले की 25 नवंबर को भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गई थी, जबकि 26 नवंबर से तीन दिवसीय बगलामुखी यज्ञ का आगाज हुआ था. सोमवार को यज्ञ का विधिवत समापन होगा. अंतिम दिन लोगों की अधिक भीड़ उमड़ने की संभावना है.
नारायणपुर गांव में तीन दिवसीय बगलामुखी यज्ञ का आयोजन जारी
चीन की चाल व पाक की मंशा को नाकाम करने के लिए हो रहा यज्ञ का आयोजन
दूसरे दिन भी शाश्वत वैदिक मंत्रोच्चार से गूंजता रहा इलाका