पछिया हवा से आलू की फसल को नुकसान

झुलसा रोग के कारण बरबाद आलू की फसल को देख चिंता में डूबा किसान. सीतामढ़ी: पछुआ हवा की कहर व ठंड बढ़ने से एक ओर जहां किसानों को कृषि कार्य करना मुश्किल हो गया है. वहीं दूसरी ओर आलू की फसल में झुलसा रोग होने की आशंका बढ़ गयी है. ऐसे में किसान भाईयों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2017 5:57 AM

झुलसा रोग के कारण बरबाद आलू की फसल को देख चिंता में डूबा किसान.

सीतामढ़ी: पछुआ हवा की कहर व ठंड बढ़ने से एक ओर जहां किसानों को कृषि कार्य करना मुश्किल हो गया है. वहीं दूसरी ओर आलू की फसल में झुलसा रोग होने की आशंका बढ़ गयी है. ऐसे में किसान भाईयों को आलू की फसल में झुलसा रोग की लक्षण दिखाई देते हुये क्षेत्र के एग्रीकलचर कॉडिनेटर को सूचित कर उनके निर्देशानुसार उचित दवा का प्रयोग करना चाहिए. इस संबंध में डुमरा प्रखंड के एग्रीकलचर कॉडिनेटर ने बताया कि आलू की फसल की पत्ती से झुलसा रोग की पहचान की जाती है.
आवश्यकता पड़ने पर क्षेत्र के किसान सलाहकार को सूचित कर फसल की रोगों की पहचान करवाने के बाद उचित मात्रा में दवा का प्रयोग करना चाहिए. उन्होंने बताया कि झूलसा रोग की लक्षण दिखाई देते हीं मेटालैक्सिन दवा एक लीटर पानी में एक ग्राम मिलाकर दस दिन के अंतराल पर छिड़काव करना चाहिए. दवा का छिड़काव दो बाजे के बाद अधिक लाभकारी होता है.

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