सिमरन की मामी को जेल

कार्रवाई. पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर शुरू की मामले की जांच सीतामढ़ी/बाजपट्टी. वर्षों तक पूर्वी चंपारण जिले के ढाका में एक कमरे में बंधक बनाकर यौन शोषण की शिकार बनी सिमरन के साथ 18 अप्रैल की रात खुद उसके मामा द्वारा दुष्कर्म करने के मामले में एसपी के आदेश पर बाजपट्टी थाने में गुरुवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2017 5:22 AM

कार्रवाई. पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर शुरू की मामले की जांच

सीतामढ़ी/बाजपट्टी. वर्षों तक पूर्वी चंपारण जिले के ढाका में एक कमरे में बंधक बनाकर यौन शोषण की शिकार बनी सिमरन के साथ 18 अप्रैल की रात खुद उसके मामा द्वारा दुष्कर्म करने के मामले में एसपी के आदेश पर बाजपट्टी थाने में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज करते हुए पुलिस ने सिमरन की मामी लक्ष्मी देवी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
वहीं मुख्य आरोपित मामा दिग्विजय सिंह की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रहीं है. हालांकि मामले का खुलासा होने के साथ हीं आरोपित मामा दिग्विजय सिंह फरार हो गया है. उधर, इसी बीच पुपरी डीएसपी सह एएसपी पंकज कुमार ने गुरुवार को बाजपट्टी पहुंच कर मामले की तहकीकात की. साथ ही सिमरन का बयान दर्ज किया. पूछताछ के दौरान सिमरन की सुरक्षा में तैनात अरविंद कुमार नामक सुरक्षा कर्मी की भूमिका भी संदेहास्पद नजर आयी. माना जा रहा है कि मामले में अरविंद की भूमिका भी संदेहास्पद है.
एएसपी ने अरविंद के खिलाफ भी कार्रवाई के संकेत दिये है. इसी बीच बाजपट्टी थानाध्यक्ष अभिषेक कुमार ने सिमरन को उसके नाना के घर से महिला अल्पावास गृह डुमरा भेज दिया है. महिला अल्पावास गृह भेजे जाने से सिमरन नाखुश दिखी. प्रभात खबर को बताया की उसे पुलिस ने जबरन अल्पावास गृह भेज दिया है.
क्या है मामला: सिमरन मूल रूप से डुमरा थाना के एक गांव की रहने वाली है. उसका पिता राजीव कुमार मूक बधिर था. भाई अमनदीप व सिमरन समेत चार लोगों का हंसता खेलता परिवार था. तीन जनवरी 2009 को उसके भाई अमनदीप,13 वर्ष का स्कूल जाते वक्त फिरौती के लिए अपहरण कर लिया गया. बाद में अपहर्ताओं ने उसकी हत्या कर दी. बेटे की मौत के बाद परिवार सदमे से बाहर आता, इसी बीच ढ़ाका निवासी शमीम का सिमरन की मां खुशबू से प्रेम प्रसंग हो गया
. प्रेमी के साथ मिलकर खुशबू ने ही अपने पति राजीव की हत्या करा दी. 31 दिसंबर 2012 को राजीव का शव शिवहर-पूर्वी चंपारण जिले के सीमा पर मिला था. इसके बाद खुशबू ने शमीम के साथ शादी कर ली. शमीम, खुशबू व बेटी के साथ सिलीगुड़ी चला गया. जहां उसने मौका देख खुशबू की हत्या कर दी. बेटी के साथ ढाका लौटे शमीम की नजर एक ओर जहां खुशबू के प्रॉपर्टी पर थी, वहीं दूसरी ओर सिमरन के जिस्म पर. उसने पहले बाप – बेटी के रिश्ते को शर्मसार करते हुए सिमरन के साथ जिस्मानी संबंध बनाने की कोशिश की. इस दौरान नशे की सुई देकर उससे देह व्यापार भी कराता रहा. आखिर में शमीम ने सिमरन के साथ निकाह करने का फैसला लिया.
निकाह के बाद उसकी संपत्ति पर कब्जा जमाने के बाद सिमरन को अरब के एक व्यापारी से सात लाख में बेचने की तैयारी भी कर रखी थी. इसी बीच 24 फरवरी 2015 को ढाका पुलिस ने छापेमारी कर तीन साल से एक कमरे में बंधक बनी सिमरन को मुक्त करा नाना के घर बाजपट्टी भेजा था. जहां शमीम द्वारा केस उठाने का दबाव बनाया जा रहा था. इस क्रम में 26 सितंबर 2016 को सिमरन के गुर्गे ने उसके कमरे में घुस कर दुष्कर्म का प्रयास किया था. वहीं सिमरन की हत्या की भी कोशिश की थी.
हालांकि उसकी सुरक्षा में तैनात महिला आरक्षियों ने मौके से ही आरोपी को दबोच लिया था. जबकि 24 नवंबर 2016 को ढाका पुलिस ने शमीम को गिरफ्तार कर लिया था. शमीम की गिरफ्तारी के बाद सिमरन को न्याय मिलने की उम्मीद जगी थी. मां-बाप व भाई के हत्यारे शमीम की हैवानियत का दर्द लिए ढाका से बाजपट्टी स्थित नाना के घर पहुंची सिमरन के साथ उसके मामा ने हीं यौन संबंध बनाया और बाद में उससे जबरन देह व्यापार कराना शुरू कर दिया.
बुधवार को सिमरन ने बाजपट्टी थानाध्यक्ष अभिषेक कुमार को आवेदन देकर अपनी दर्द भरी कहानी का खुलासा किया. मामले में एसपी के निर्देश पर बाजपट्टी थाने में प्राथमिकी दर्ज करते हुए गुरुवार की सुबह बाजपट्टी स्थित सिमरन के नाना के घर पहुंची पुलिस ने सिमरन, उसकी मामी व एक महिला तथा दो पुलिसकर्मियों को लेकर थाना पहुंची. जहां डीएसपी पुपरी ने सिमरन से लंबी पूछताछ की. बाद में पुलिस ने उसकी मामी लक्ष्मी देवी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. जबकि सिमरन को अल्पावास गृह भेजा गया है. अल्पावास गृह में दो पुरूष सुरक्षा कर्मी सिमरन की सुरक्षा में तैनात रहेंगे. जबकि महिला सुरक्षा कर्मी हटा ली गयी है. बाजपट्टी थानाध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया है कि आरोपित दिग्विजय सिंह की तलाश में छापेमारी जारी है.
न्याय की आस
महिला अल्पावास गृह भेजी गयी पीड़िता सिमरन
पुपरी एएसपी सह डीएसपी पंकज कुमार ने बाजपट्टी पहुंच कर की मामले की जांच
मामले में सुरक्षा कर्मी अरविंद कुमार की भूमिका पर भी उठा सवाल
तीन साल से बंधक बनी सिमरन को पूर्वी चंपारण जिले की ढाका पुलिस ने 25 फरवरी 2015 को कराया था मुक्त

Next Article

Exit mobile version