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फिर निराश होकर लौटे शिक्षक पद के अभ्यर्थी

सीतामढ़ी : जिला परिषद कार्यालय से सोमवार को उच्च व उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र मिलना था, पर एक बार फिर उन्हें निराश होकर लौट जाना पड़ा. इस बाबत जिप अध्यक्ष उमा देवी ने बताया कि डीडीसी सह जिप के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा उन्हें पत्र भेज कर 24 […]

सीतामढ़ी : जिला परिषद कार्यालय से सोमवार को उच्च व उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र मिलना था, पर एक बार फिर उन्हें निराश होकर लौट जाना पड़ा. इस बाबत जिप अध्यक्ष उमा देवी ने बताया कि डीडीसी सह जिप के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा उन्हें पत्र भेज कर 24 अप्रैल को नियोजन पत्र का वितरण करने की बात कही गयी थी, पर उन्होंने नगर परिषद चुनाव को लेकर लगाये गये आचार संहिता के मद्देनजर निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन लेने का निर्देश दिया था. निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन आते हीं नियोजन पत्र का वितरण कर दिया जायेगा.

सीतामढ़ी. यौन शोषण की पीड़ित सिमरन का सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तीसरे दिन सोमवार को भी इलाज जारी रहा. सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा के घेरे के बीच सदर अस्पताल में उसकी चिकित्सा जारी रहीं.
हालांकि, वर्तमान में उसकी हालत स्थिर बनी हुई है. सेहत में कुछ खास सुधार नहीं आ सका है. शनिवार को बाजपट्टी पुलिस उसे महिला अल्पावास गृह से लेकर सीतामढ़ी सदर अस्पताल पहुंची थी. जहां मेडिकल के बाद उसे फिर मुख्यालय डुमरा के कैलाशपुरी स्थित महिला अल्पावास गृह पहुंचाने की तैयारी हीं थी, कि वह बीमार पड़ गयी थी. लिहाजा उसे सदर अस्पताल में भरती करना पड़ा था. जहां तीसरे दिन भी उसका इलाज जारी है.
इधर, 18 अप्रैल को सामने आये यौनशोषण के मामले में मुख्य आरोपी सिमरन के मामा दिग्विजय सिंह की तलाश में पुलिसिया छापेमारी रविवार को भी जारी रहीं. हालांकि आरोपित मामा फरार चल रहा है.
बताते चले की डुमरा थाना के एक गांव की रहनेवाली व वर्षों तक पूर्वी चंपारण जिले के ढाका में एक कमरे के तहखाने में बंधक बनाकर यौन शोषण की शिकार बनी सिमरन 25 फरवरी 2015 को ढाका पुलिस द्वारा मुक्त करायी गयी थी.
जहां से उसे उसके नाना के घर बाजपट्टी पहुंचा दिया गया था. तहखाने से मुक्त होने के पूर्व शमीम नामक उसके मां के प्रेमी ने मां-बाप व भाई की हत्या कर सिमरन को दुनिया की भीड़ में अकेला कर दिया था. 25 नवंबर 2016 को शमीम की गिरफ्तारी के बाद सिमरन को न्याय की आस जगी. लेकिन ढाका से बाजपट्टी आने के बाद भी उसे जुल्म झेलने पड़े. सितंबर 2016 में सिमरन पर गांव के हीं एक युवक ने कातिलाना हमला व दुष्कर्म का प्रयास किया. शमीम के गुंडे भी उसकी हत्या करने में लगे रहे.
स्थानीय स्तर पर उसे पुलिसिया सुरक्षा दी गयी. उसकी सुरक्षा में एक महिला व तीन पुरुष गार्ड समेत तीन लोग लगे रहे. बावजूद इसके उसका अपना मामा ही उसकी अस्मत से वैसे हीं खेलते रहा, जैसे ढाका का शमीम. शमीम की तरह मामा भी उसके जिस्म को गैरों में पड़ोस पैसा कमाना चाहता था.
वहीं विरोध करने पर तेजाब डाल हत्या की धमकी देता था. वह जुल्म सहती रहीं. लेकिन उसने मामा के करतूतों को मोबाइल में कैद कर लिया. और 18 अप्रैल की रात उसके मामा द्वारा दुष्कर्म करने के बाद मामले का भंडा फूट गया. 19 अप्रैल को पुपरी डीएसपी ने मामले की जांच की. पुलिस ने मामा दिग्विजय सिंह व मामी लक्ष्मी देवी समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए मामी को जेल भेज दिया. वहीं मामा की गिरफ्तारी को छापेमारी जारी है. वहीं सिमरन को महिला अल्पावास गृह भेज दिया था. तब से वह महिला अल्पावास गृह डुमरा में रह रहीं थी. शनिवार को मेडिकल कराने के लिए उसे सदर अस्पताल लाया गया था. जहां वह बीमार पड़ गयी.

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