देह व्यापार से इनकार करने पर रेड लाइट में शरीर पर बरसता रहा कोड़ा
आपबीती. फफक-फफक कर रोते हुए पीड़िता ने पुलिस को सुनाया अपना दुखड़ा सीतामढ़ी : महज 22 वर्ष की जिंदगी में ऐसा तूफान आयेगा शायद उस आरती (काल्पनिक नाम) नामक विवाहिता ने सोची तक नहीं थी. शादी के चंद महीने बाद ही ससुराल से अपहरण कर सीतामढ़ी के बदनाम गली में बेच दी गयी आरती की […]
आपबीती. फफक-फफक कर रोते हुए पीड़िता ने पुलिस को सुनाया अपना दुखड़ा
सीतामढ़ी : महज 22 वर्ष की जिंदगी में ऐसा तूफान आयेगा शायद उस आरती (काल्पनिक नाम) नामक विवाहिता ने सोची तक नहीं थी. शादी के चंद महीने बाद ही ससुराल से अपहरण कर सीतामढ़ी के बदनाम गली में बेच दी गयी आरती की जिंदगी में मनोज कुमार गुप्ता नामक दारोगा मसीहा बन कर आ गये. लिहाजा उसे रेडलाइट एरिया की काल कोठरी से मुक्ति मिल गयी.
वरना उसकी उम्मीदें हीं टूट चुकी थी. अब तो वह खुद को मिटाने की तैयारी में थी. सीतामढ़ी शहर के रेडलाइट एरिया से सोमवार को महिला थाना पुलिस द्वारा नाटकीय अंदाज में मुक्त करायी गयी आरती ने पुलिस के समक्ष फफक-फफक कर रोते हुए अपनी दर्द भरी दास्तान को कुछ इसी तरह बयां किया है. उसने बताया है कि मोतिहारी से अपहरण के बाद उसे मुजफ्फरपुर ले जाया गया, जहां बदमाशों ने दो लाख में उसका सौदा कर दिया.
मुजफ्फरपुर से उसके लेकर रेड लाइट एरिया पहुंचे दरिंदों ने अंतहीन यातनाएं दी. रेडलाइट एरिया के काल कोठरी में बंद कर दिया. जबरन वेश्यावृत्ति का दबाव बनाया. इनकार करने पर जिस्म पर कोरे बरसाये. छह दिन व छह रात उसने जैसे-तैसे एक कमरे में काटे. कितने दिन व कितने रात व भूखी रहीं,
पता तक नहीं चला. हर सुबह उसमें नया उम्मीद जगता रहा कि कोई आयेगा और उसे इस नरक से मुक्ति दिलायेगा. लेकिन शाम ढलते ही उसकी उम्मीदें टूट कर बिखड़ जाती थी. जब कभी पुलिस की गाड़ी गुजरती वह रेडलाइट एरिया के काल कोठरी से चिल्लाती, लेकिन उसकी आवाजें काल कोठरी में हीं दब कर रह जाती थी. उसके पास कई लोग पहुंचे. सब के सब उसकी दर्द भरी कहानी सुनकर चले गये.
सभी ने उसके परिजनों को कॉल कर जानकारी देने की बात कहीं.
लेकिन उनमें से किसी एक ने कॉल कर नवविवाहिता के बहनोई को जानकारी दे दी. नतीजतन जिस्मफरोसी के बाजार से उसे मुक्ति मिल गयी. पुलिस के समक्ष विवाहिता ने रो-रो कर अपना दर्द बयां किया. खौफ के दाग लेकर सीतामढ़ी से मोतिहारी के लिए रवाना हुई विवाहिता ने बताया की वह जिस इलाके में छह दिनों तक जिल्लत भरी जिंदगी जी है, वह नरक है. उसने पुलिस से इस नरक को समाप्त करने की गुहार लगायी. ताकी उसकी जैसी कोई महिला, युवती व किशोरी की जिंदगी बर्बाद नहीं हो.
मुजफ्फरपुर से लाकर नवविवाहिता को किया गया कमरे में बंद
पुलिस की गाड़ी देख खिड़की से चिल्लाती रही नव विवाहिता
रेडलाइट एरिया के काल कोठरी में ही दबती रही आवाज
मनोज कुमार गुप्ता के रूप में मसीहा बन कर आये दारोगा ने कराया मुक्त