सड़क के लिए तोड़ा पक्का मकान

सीतामढ़ी : जहां चाह, वहां राह की कहावत को सीतामढ़ी के डुमरा प्रखंड के बािजतपुर गांव के लोग चरितार्थ कर रहे हैं, जो सड़क 70 सालों में नहीं बन सकी. वह गांव के लोग अब बना रहे हैं. इसके िलए अपने पक्के मकान और कीमती जमीन भी लोगों ने दे दी. पहल गांव के सरपंच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2017 5:09 AM

सीतामढ़ी : जहां चाह, वहां राह की कहावत को सीतामढ़ी के डुमरा प्रखंड के बािजतपुर गांव के लोग चरितार्थ कर रहे हैं, जो सड़क 70 सालों में नहीं बन सकी. वह गांव के लोग अब बना रहे हैं. इसके िलए अपने पक्के मकान और कीमती जमीन भी लोगों ने दे दी. पहल गांव के सरपंच सुधीर कुमार ने की. उन्होंने सड़क में बाधा बन रहे अपने मकान को तोड़ा,

तो हेमन महको व संजय साह ने भी अपने मकान का िहस्सा तोड़ िदया और सड़क बनाने की राह आसान कर दी. अब गांव से ब्रह्मस्थान से लेकर एनएच-77 तक सड़क बन रही है. पक्के घर टूटे तो गांव के सुनील कुमार, हजारी महतो, नथुनी महतो, प्रहलाद दास, जयमंगल महतो, संत कुमार, देवेंद्र प्रसाद,

रामबाबू दास, धनीराम दास, सुरेंद्र महतो,
सड़क के िलए
सोगारथ दास, कामेश्वर िसंह व संजय साह ने अपनी जमीन दे दी. अब सड़क बन रही है.
1800 फीट लंबी और 10 फीट चौड़ी सड़क ग्रामीण श्रमदान से बना रहे हैं, िजसके अगले दस िदन में बन जाने की बात कही जा रही है. काम तेजी से चल रहा है. गुरुवार को गांव के लोग खेतों के बीच पगडंडी को सड़क के रूप में बदलने में लगे थे. बाद में इस पर मनरेगा के तहत काम कराया जायेगा. इसकी स्वीकृित गांव के मुिखया नवेंदु िकशोर िसंह ने भी दे दी है. स्टीमेट बनाकर मनरेगा के जेइ दीपक कुमार को िदया गया है. पंसस पति संतोष कुमार भी सड़क बनवाने में सहयोग कर रहे हैं.
गोद में लेकर जाते
थे दूल्हा-दुल्हन
गांव में जब भी बरात आती या िकसी बेटी की शादी होती थी, तो लोगों को खासी परेशािनयों का सामना करना पड़ता. पगडंडी पर लोग दूल्हा-दुल्हन को गोद में उठा कर ले जाते थे. अगर िकसी की तबियत खराब हुई, तो उसे चारपाई में लेटा कर एनएच-77 तक ले जाना पड़ता था, लेिकन सड़क बनने के बाद यह बीते िदनों की बात हो जायेगी. लोग आसानी से गाड़ी के सहारे गांव आ जा सकेंगे. बाजितपुर के ग्रामीणों की इस पहल की आस पास के गांवों में भी चर्चा हो रही है.
जनप्रतिनिधियों ने नहीं िदया ध्यान
बािजतपुर गांव के लोगों ने सड़क के िलए स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगायी थी. िवधायक व सांसद से बात की, लेिकन िकसी ने इसकी ओर ध्यान नहीं िदया. आश्वासनों के बीच समय बीत रहा था, लेिकन गांव के सरपंच सुधीर कुमार ने प्रयास शुरू िकया, तो राह आसान होती चली गयी. सरपंच श्री कुमार ने बताया कि सड़क के लिए चिह्नित जमीन को समतल किया जा रहा है. वहीं, डुमरा बीडीओ संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि उन्हें ग्रामीणों की ओर से सड़क बनाने की सूचना नहीं है. अगर इस तरह का प्रयास किया गया है, तो यह निश्चित रूप से अच्छी पहल है. इसमें भरपूर सहयोग किया जायेगा.
सरपंच की पहल लायी रंग
गांव के 25 लोगो ंने दी कीमती जमीन
आपसी सहयोग से बना रहे सड़क
मनरेगा से होगा काम
बीडीओ ने भी िदया सहयोग का आश्वासन
जीवन होगा आसान. अभी तक बािजतपुर गांव में जाने के िलए सड़क नहीं थी. लगभग 18 सौ फीट का रास्ता ग्रामीण पगडंडी से पूरा करते थे. इसके बाद एनएच-77 पर पहुंचते थे, लेिकन एनएच तक पहुंचने के िलए गांव के ब्रह्मस्थान से खासी मशक्कत करनी पड़ती थी. बािरश के िदनों में परेशानी और बढ़ जाती थी.

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