डुमरा. नेपाल में अधिक वर्षा होने के कारण बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है. रविवार को सोनाखान में 34 सेमी, डुब्बाघाट में 52 सेमी, चंदौली में 28 सेमी व कटौझा में 73 सेमी जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. जबकि ढेंग के समीप बागमती तो गोआवाडी में लालबकेया नदी का जलस्तर दोपहर बाद खतरे के निशान से नीचे पहुंच गया है. जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को सुंदरपुर में अधवारा नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है. वहीं, सोनबरसा में झीम नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज़ किया गया है, हालांकि जिले में बाढ़ की कोई स्थिति नहीं है. सभी अंचलों में स्थिति सामान्य है.
— नदियों के जलस्तर की प्रवृति
स्थान नदी जलस्तर (मीटर) प्रवृति
— 24 घंटे हो रही नदियों के जलस्तर की निगरानी
सभी नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है. इन दिनों लगातार हो रही बारिश के कारण बागमती व अधवारा नदी के जलस्तर में वृद्धि रिकॉर्ड किया गया है. सात जुलाई के रिपोर्ट के अनुसार, सोनाखान व कटौझा समेत अन्य स्थानों पर बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. हालांकि स्थिति सामान्य है. वर्तमान में जिला अंतर्गत कुल 17 वर्षा मापक यंत्र कार्यरत हैं. सीतामढ़ी जिला अंतर्गत सभी पंचायत में स्वचालित वर्षा मापक यंत्र का अधिष्ठापन किया जा चुका है. राहत सामग्रियों के दर का निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ताओं का चयन कर लिया गया है. जिला में कुल 34557 पॉलिथीन सीट उपलब्ध है, जिसमें अंचल स्तर पर 26272 पोलोथिन सीट्स उपलब्ध है. नोडल जिला मुजफ्फरपुर से 25000 पॉलीथिन सीट्स की अधियाचन की गयी है. परिचालन योग्य सरकारी नाव की संख्या 20 है, जबकि 50 निजी नाव मालिकों के साथ एकरारनामा किया गया है. जिले में बाढ़ राहत शिविर की संख्या 233 है, जबकि 256 सामुदायिक रसोई का स्थल चिन्हित किया गया है.
— 27 सदस्यीय एसडीआरएफ की टीम तैनातबाढ़ के समय इमरजेंसी सेवा के लिए 27 सदस्यीय एसडीआरएफ की टीम रुन्नीसैदपुर अंतर्गत आवासित है. सभी अनुमंडल अधिकारी एवं जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता की टीम बनाकर तटबंधों के निरीक्षण कर संवेदनशील स्थलों व रन कट स्थलों की मरम्मती कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है. मरम्मती का कार्य जारी है. साथ ही सभी संबंधित पदाधिकारी के द्वारा तटबंधों पर सतत निगरानी रखी जा रही है.
— खरीफ फसल के लिए आकस्मिक योजना तैयारखरीफ फसल के लिए आकस्मिक योजना तैयार कर ली गयी है. पशु चारा के दर का निर्धारण कर लिया गया है. बाढ़ के दौरान पशु स्वास्थ्य के लिए 38 प्रकार का दवा उपलब्ध है, जबकि 34 पशु शिविर का चयन किया गया है. जिसमें 34 मेडिकल टीम का गठन किया गया है. बाढ़ के दौरान मानव स्वास्थ्य के लिए कुल 32 मेडिकल टीम का गठन किया गया है. जबकि बाढ़ के दौरान मानव स्वास्थ्य के लिए कुल 21 मोबाइल मेडिकल टीम का गठन किया गया है. बाढ़ के दौरान मानव स्वास्थ्य के लिए कुल 40 प्रकार की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है.
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